विकास दुबे के खास अमर के पिता को सात साल से मरा समझ रहे थे सब, बेटे की मौत की खबर सुन आए बाहर
नई दिल्ली। कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस टीम पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इस हमले के आरोपी विकास दुबे और उसके कई सहयोगियों को पुलिस कथित एनकाउंटर में मार चुकी है। विकास दुबे भी मारा जा चुका है। बुधवार को पुलिस ने हमीरपुर जिले के मौदाहा में विकास के खास माने जाने वाले अमर दुबे को मार दिया था। खास बात ये है कि अमर के पिता को गांव के लोग सात साल से मरा हुआ समझ रहे थे लेकिन बेटे की मौत की खबर के बाद वो अचानक सामने आ गए।
अमर के पिता पर भी कई मुकदमे
अमर के एनकाउंटर के बाद गुरुवार को जब पुलिसकर्मी बिकरू गांव में उसकी मौ की खबर देने पहुंचे तो पता चला कि उसका पिता भी जिंदा है। सात साल से वो एक भूमिगत की तरह से जिंदगी जी रहा था। पुलिस ने बताया कि संजीव जब अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर अपने ठिकाने से बाहर आया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया। संजीव के ऊपर हत्या की कोशिश, उगाही और लूट समेत 12 मामले चौबेपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं।
दुर्घटना के बाद उड़ाई मौत की अफवाह
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि सात साल पहले एक दुर्घटना में बाल-बाल बच गया था, लेकिन उसने अपना पैर खो दिया। इसके बाद अंडरग्राउंड हो गया। जिसके बाद उसने परिवार के लोगों से कहा कि उसकी मौत की खबर उड़ा दी जाए। जिससे उसके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले बंद हो जाएं। बता दें कि पुलिस ने अमर दुबे के पिता संजय दुबे और उसकी पत्नी खुशी, विकास दुबे के मामा दयाशंकर की भाभी शांति और विकास दुबे के सहयोगी जहान सिंह को गिरफ्तार किया है।
अमर को बताया गया है विकास का खास
विकास दुबे पर कानपुर में गोलियां बरसाकर आठ पुलसकर्मियों की जान लेने का आरोप था। इसके अलावा भी उस पर कई मुकदमें चल रहे थे। अमर को विकास का खास और पुलिसवालों पर हमले में उसके साथ बताया गया था। दोनों ही एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। इनके अलावा विकास के परिवार के दो सदस्यों, कुछ और कथित सहयोगियों को भी पुलिस एनकाउंटर में मार चुकी है। हालांकि पुलिस ने जिस तरह से ये एनकाउंटर दिखाए हैं, उसे देखते हुए बहुत सारे सवाल भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर हैं।
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