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रूपाणी क्यों बने फिर से गुजरात के मुखिया, क्या है उनकी 'विजय' का कारण?

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Vijay Rupani जिन्हें दी गई Gujarat के CM की जिम्मेदारी, Vijay Rupani Biography | वनइंडिया हिन्दी

अहमदाबाद। विजय रूपाणी आज दोबारा से गुजरात के सीएम बने हैं, भाजपा ने एक बार फिर से अपने सादगी पसंद और स्वच्छ छवि वाले नेता पर भरोसा जताया है। चुनावों से पहले कहा जा रहा था कि इस बार गुजरात में विजय रूपाणी की हालत काफी खराब है, भाजपा का शीर्ष कमान उनसे खफा है लेकिन सारी बातें कोरी निकली और जनाधार घटने के बावजूद पार्टी ने विजय रूपाणी पर ही विश्वास किया और सत्ता उन्हें सौंपी।

चलिए विस्तार से जानिए वो कारण जिनके कारण रूपाणी को गुजरात में मिली 'विजय'

भाजपा को 99 सीट

भाजपा को 99 सीट

इस बार के विधानसभा के चुनावों में भाजपा को 99 सीट पर संतोष करना पड़ा है, जो कि उसके अंदाजे से काफी कम संख्या है। बीजेपी ने कभी सोचा नहीं था कि पीएम मोदी के गृहराज्य में उसे इस तरह से लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा,हालांकि बीजेपी जीत तो गई है लेकिन इस जीत में वो खुशी नहीं जिसकी उम्मीद की जा रही थी।

 बीजेपी फेल हो जाती

बीजेपी फेल हो जाती

अगर सरकार बनाने के बाद भाजपा सीएम का चेहरा बदलती तो रूपाणी से ज्यादा उसे नुकसान होता क्योंकि जनता के बीच में ये संदेश जाता कि भाजपा ने अच्छा काम राज्य में नहीं किया, रूपाणी को सत्ता संकट के वक्त दी गई थी, ऐसे में बीजेपी की छवि को नुकसान होता जो कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर सही बात नहीं होती।

विजय रूपाणी की स्वच्छ छवि

विजय रूपाणी की स्वच्छ छवि

विजय रूपाणी की स्वच्छ छवि और विनम्रशील व्यक्तित्व उनकी जीत का बहुत बड़ा कारण है। रूपाणी सौराष्ट् राजकोट से जीतकर आए हैं, ऐसे में उन्हें सीएम सीट ना देना बीजेपी के लिए पार्टी के अंदर विरोध पैदा कर सकता था। भाजपा से ही उनके दल के लोग पूछ सकते थे कि आखिर किस वजह से रूपाणी को सीएम नहीं बनाया गया, भाजपा पार्टी के अंदर कलह नहीं चाहती, वैसे भी पार्टी के अंदर इस बार टिकट वितरण को लेकर असंतोष देखा गया था, ऐसे में विजय रूपाणी के कारण पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।

विजय रूपाणी कारोबारी वर्ग के प्रिय नेता

विजय रूपाणी कारोबारी वर्ग के प्रिय नेता

विजय रूपाणी को कारोबारी वर्ग का प्रिय नेता कहा जाता है, इस बार जीएसटी को लेकर कारोबारी वर्ग मोदी सरकार से काफी खफा था और उसकी नाराजगी वोट रिजल्ट बता भी रही है, बावजूद इसके रूपाणी का वोट बैंक बढ़ गया, विजय रूपाणी 55 हजार वोटों के अच्छे-खासे अंतर से चुनाव जीते हैं जबकि पिछली बार इसी सीट पर रूपाणी को इससे 50 फीसदी से कम वोटों से जीत मिली थी, जिससे ये साबित होता है कि कारोबारी वर्ग अभी भी विजय पर भरोसा करता है। रूपाणी को सीएम ना बनाकर भाजपा इस वर्ग से नाराजगी नहीं मोल ले सकती थी।

संगठन मजबूत

संगठन मजबूत

भाजपा को पता है कि आप तभी जीत सकते हैं जब संगठन मजबूत हो, रूपाणी की पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य संबद्ध लोगों में पैठ है, रूपाणी को सीएम ना बनाना मतलब संगठन कमजोर करना, जो भाजपा कभी नहीं चाहेगी और इसी वजह से उसने विजय रूपाणी को दोबारा सीएम बनाया है।

 अमित शाह के बेहद करीबी

अमित शाह के बेहद करीबी

और सबसे अहम बात रूपाणी पर अमित शाह का पूरा भरोसा है, वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के काफी करीबी रहे हैं और ये ही वजह रही कि जब मोदी की सत्ता गुजरात को संभालने में आनंदीबेन को दिक्कत हुई तो गुजरात का जिम्मा रूपाणी को दे दिया गया। अचानक मिली इस जिम्मेदारी को विजय रूपाणी ने बखूबी निभाया, जिसका पुरस्कार उन्हें मिला और वो आज दोबारा से गुजरात के मुखिया बने हैं।

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English summary
The new Bharatiya Janata Party government in Gujarat, led by Vijay Rupani and his deputy Nitin Patel, took the oath of secrecy today in the presence of Prime Minister Narendra Modi and party chief Amit Shah at the new secretariat.
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