विजय रूपाणी फिर बनेंगे गुजरात के मुख्यमंत्री, जानिए उनका सियासी सफर
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नई दिल्ली। गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद सभी को इंतजार था कि आखिर मुख्यमंत्री कौन बनेगा। आखिरकार पार्टी आलाकमान ने एक बार फिर से विजय रूपाणी पर ही भरोसा जताया है। विजय रूपाणी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है, इसी के साथ साफ हो गया रूपाणी ही एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। विजय रूपाणी अभी तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे, चुनाव संपन्न होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। इस बीच गुजरात में विधायक दल की बैठक हुई जिसमें एक बार फिर से विजय रूपाणी के नाम पर मुहर लगी। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। जानिए कैसा रहा विजय रूपाणी का सियासी सफर...
राजकोट से आते हैं रूपाणी
विजय रूपाणी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े छात्र कार्यकर्ता के रूप में अपना करियर शुरू किया। वे 1971 में जनसंघ के साथ जुड़कर अपनी स्थापना के बाद से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे। 1976 में आपातकाल के दौरान भुज और भावनगर की जेलों में 11 महीने तक कैद किया गया था। वे गुजरात सरकार में इकलौते नेता हैं जो आपातकाल में जेल जा चुके हैं। रूपाणी ने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1987 में उन्हें राजकोट नगर निगम चुनावों से की। वो 1996 से 1997 तक राजकोट के मेयर रहे। रूपाणी 1998 में भाजपा के गुजरात इकाई के महासचिव बने। 2006 में वो गुजरात पर्यटन के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। 2006 से 2012 तक राज्यसभा सदस्य थे।
2014 में रूपाणी ने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता
2014 में रूपाणी ने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। तब वाजुभाई वाला गवर्नर बने और अपनी सीट छोड़ी और इसके बाद हुए उपचुनाव में रूपाणी जीते। नवंबर 2014 में मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल द्वारा किए गए पहले कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया गया था और उन्हें परिवहन, जल आपूर्ति, श्रम और रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। वह फरवरी 2016 से अगस्त 2016 तक बीजेपी राज्य अध्यक्ष थे। 5 अगस्त 2016 को गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
आनंदीबेन की जगह पर रूपाणी को बनाया गया था सीएम
पिछले साल आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया। जैन बनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रूपाणी को सीएम की कुर्सी मिलने के पीछे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के करीबी होना माना जाता है। संघ के बैकग्राउंड से आने वाले विजय रूपाणी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में गुजरात की सभी 26 सीटों पर अमित शाह और नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में पार्टी की रणनीति को बूथों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी थी।
रंगून में हुआ था जन्म
विजय रूपाणी का जन्म 1956 में तत्कालीन बर्मा की राजधानी रंगून में हुआ था। इनके परिजन बिजनेस के लिये वहां गये थे, लेकिन इनके जन्म के बाद वे 1960 में राजकोट लौट आए। रूपाणी के करीबियों के अनुसार, डेढ़ दशक पहले वह तब राजनीति छोड़ना चाहते थे जब उनके बेटे की छत से गिरकर मौत हो गई थी। हालांकि उस समय सब लोगों ने मिलकर उन्हें संभाला। अभी भी उनके बेटे के नाम पर एक ट्रस्ट चलता है जो गरीब बच्चों की मदद करता है। उनकी एक बेटी लंदन में है और एक बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है।
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