जेट एयरवेज को बचाने के लिए बैंक की मदद पर तिलमिलाया माल्या, कहा- ये वही बैंक हैं जिन्होंने मेरी किंगफिशर को डूबने दिया
नई दिल्ली। सोमवार को केंद्र सरकार ने दीवालिया हो रही जेट एयरवेज को लेकर घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि एयरलाइन को बचाने के लिए बैंक 1500 करोड़ रुपये देंगे। भारतीय बैंकों का पैसा लेकर विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या इस घोषणा से तिलमिला गए हैं। उन्होंने उनके बुरे वक्त में साथ न देने के लिए मोदी सरकार पर हमला किया है। कई अलग अलग ट्वीट में माल्या ने बताया कि किंगफिशर को बचाने के लिए उनके निवेश को नजरअंदाज कर बार बार उनकी बिना बात आलोचना की जाती रही। ये वही पीएसयू बैंक हैं जिसने बेहतरीन कर्मचारियों वाली भारत की सबसे अच्छी एयरलाइन को डूबने दिया। उन्होंने केंद्र की राजग सरकार को डबल स्टैंडर्ड करार दिया है।
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क्या बोले विजय माल्या?
जेट एयरवेज की मदद किए जाने की बात से तिलमिलाए विजय माल्या ने ट्वीट किया कि- 'भाजपा प्रवक्ता ने पीएम मनमोहन सिंह को मेरे पत्रों को पढ़कर सुनाया और आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के तहत पीएसयू बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस का गलत समर्थन किया था। मीडिया ने मुझे वर्तमान पीएम को पत्र लिखने के लिए उकसाया। मुझे आश्चर्य है कि एनडीए सरकार के तहत अब क्या बदल गया है।' अगले ट्वीट में माल्या ने लिखा- किंगफिशर को बचाने के लिए मेरे 4000 करोड़ के निवेश को नजरअंदाज कर बार बार बिना बात मेरी आलोचना की जाती रही। ये वही पीएसयू बैंक हैं जिसने बेहतरीन कर्मचारियों वाली भारत की सबसे अच्छी एयरलाइन को डूबने दिया। डबल स्टैंडर्ड राजग सरकार।
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'मेरा पैसा लो और बचा लो जेट एयरवेज को'
अलग ट्वीट में माल्या ने लिखा कि- 'मैं फिर दोहराता हूं मैंने कर्नाटक के उच्च न्यायालय के सामने अपनी तरल संपत्ति रखी थी जिसने कि पीएसयू बैंकों और अन्य कर्जदारों का हिसाब चुकता किया जाए। बैंक मेरा पैसे लेकर जेट एयरवेज को क्यों नहीं बचा लेते।'
दिवालिया होने की कगार पर जेट एयरवेज
दिवालिया होने की कगार पर पहुंची एयरलाइन जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया । इसके अलावा एतिहाद एयरवेज के एक नॉमिनी ने भी बोर्ड से इस्तीफा दिया है। इसके बाद नरेश गोयल ने अपने कर्मचारियों के नाम एक खत लिखकर कहा कि वह किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि एयरलाइन को डूबने से रोकने के लिए यह स्वामित्व परिवर्तन योजना का हिस्सा है। इसके बाद सरकार की एक घोषणा में कहा गया कि एयरलाइन को बचाने के लिए बैंक 1500 करोड़ रुपये देंगे।
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