आर्थिक तंगी के दौर में विजय माल्या, पत्नी और बच्चों के पैसे पर जीने को मजबूर
लंदन। विजय माल्या अपने शानदार लाइफ स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। उन्हें किंग ऑफ गुड टाइम भी कहा जाता था, लेकिन अब समय बदल चुका है। विजय माल्या अपनी पत्नी और बच्चों पर आश्रित हैं। लंदन हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई है कि विजय माल्या अपनी पत्नी पिंकी लालवानी हर वर्ष 1.35 करोड़ रुपए कमाती हैं, जबकि विजय माल्या के पास अब सिर्फ 2956 करोड़ रुपए की ही संपत्ति बची है। जबकि बचे हुए पैसों को उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में मामलों को निपटारे में खर्च कर दिए।
पत्नी-बच्चों पर आश्रित
कोर्ट में माल्या ने बताया कि 11 सितंबर 2018 को देश के 13 बैंकों के बकाए को लेकर जवाब देना शुरू किया, जिसकी सुनवाई दिसंबर 2019 में होनी है। फिलहाल वह अपने बच्चों और पत्नी पर आश्रित हैं। पत्नी और बच्चे ही उनका खर्च वहन कर रहे हैं। माल्या का पीए महल और बिजनेस पार्टनर बेदी माल्या को 75.7 लाख और 1.15 करोड़ रुपए का उधार दिया है, जिसके कि वह अपने खर्च को वहन कर सके। भारत के 13 बैंकों की ओर से कोर्ट में उनके वकील निगेल टोडी ने बताया कि भारत के 13 बैंकों का 11000 करोड़ रुपए माल्या पर बकाया है।
कम हुआ व्यक्तिगत खर्च
माल्या पर अपने पूर्व कर्मचारियों का 2.40 करोड़ रुपए बकाया है। इस कानूनी कार्रवाई में भारतीय बैंकों 3.37 करोड़ रुपए खर्च हुआ है, जिसमे माल्या उनका 1.57 करोड़ रुपए देने में असमर्थ रहे हैं। माल्या के वकील जॉन ब्रिस्बी ने कोर्ट में बताया कि माल्या अपने हफ्ते का खर्च कम करना चाहता हैं, जिसकी कोर्ट ने इजाजत दी है, माल्या का हफ्ते का खर्च 16.21 लाख रुपए से घटकर 26.57 लाख रुपए हो गया है। कोर्ट ने इस दौरान साउध अफ्रीकन बैंक का 30.6 करोड़ रुपए बकाया है।
माल्या ने किया था दावा
बता दें कि इससे पहले विजय माल्या ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक इंटरव्यू में उनकी (माल्या) 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त होने की बात स्वीकार की है। माल्या ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान उनसे पूरी वसूली कर लिये जाने और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उनका 'पोस्टर बॉय' की तरह इस्तेमाल किये जाने के उनके दावे की पुष्टि करता है। माल्या ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद यह स्वीकार किया कि वसूली गई संपत्ति उसकी (माल्या की) 9,000 करोड़ रुपये की कथित देनदारी से अधिक है।