विजय माल्या ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, संपत्तियों को जब्त नहीं करने की मांग
नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या अपनी संपत्ति की कुर्की रुकवाने के लिए सुप्रीम की शरण में पहुंचा है। विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में निजी और पारिवारिक संपत्ति पर कार्रवाई और ज़ब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। माल्या ने अपनी इस याचिका में कोर्ट से कहा कि सिर्फ किंगफिशर कंपनी से संबंधित संपत्ति ही कुर्क की जाएं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 29 जुलाई तय की है।
भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपने और अपने रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों को जब्त करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। माल्या ने अपनी दलील में कहा है कि वह केवल उन अनियमितताओं का अटैचमेंट चाहते थे जो किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित हैं। इस मामले को सोमवार 29 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
माल्या को 11 जुलाई से उस समय बड़ा झटका लगा था जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका के जरिए माल्या ने सरकारी एजेंसियों द्वारा उसकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी। पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जनवरी में माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किया था। माल्या ने हाईकोर्ट में कहा कि मेरे खिलाफ यह आरोप असंवैधानिक है, इसलिए इसे हटाया जाए।
विजय माल्या ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। वहीं विजय माल्या को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय जांच एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाई हैं। 63 साल के विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए का लोन लिया था और उसे नहीं चुका पाने के कारण 2 मार्च, 2016 को देश छोड़ दिया था।
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