क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नज़रिया: जजों की 'बगावत' की फिक्र करेगी मोदी सरकार?

मज़बूत बहुमत वाली सरकार इस बात की फिक्र कम ही करेगी कि न्यायपालिका कमज़ोर है या ताकतवर. वरिष्ठ वकील राजू रामाचंद्रन का नज़रिया.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
सुप्रीम कोर्ट
Getty Images
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के चार जज परंपराएं तोड़ते हुए अपनी बात रखने के लिए आगे आए हैं ताकि सुप्रीम कोर्ट में पारदर्शिता लाने की अपनी कोशिशों को वो देश के सामने रख सकें. ये मुद्दा बेहद गंभीर है और इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ था.

जज कभी मीडिया के सामने यूं नहीं आए थे. हां ये बातें अक्सर दूसरी तरह से कही जाती रही हैं. लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए जजों ने अपनी बात रख दी है.

इसका केंद्र बिंदु ये है कि चीफ जस्टिस जजों के रोस्टर का मास्टर होता है, जिसकी ज़िम्मेदारी है कि तर्कसंगत सिद्धांत के आधार पर किसी बेंच को केस सौंपे जाएं.

अगर आम लोगों के बीच ये धारणा बन जाए कि चीफ जस्टिस जजों की किसी बेंच को अपने हिसाब से कोई भी केस दे सकते हैं तो जनता का यकीन डगमगाना तय है. क्योंकि देश और आम नागरिकों से जुड़े अहम मुद्दे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों के हाथ में होने चाहिए.

चार जजों ने चीफ़ जस्टिस को लिखी ये चिट्ठी

'सुप्रीम कोर्ट को नहीं बचाया तो लोकतंत्र ज़िंदा नहीं रहेगा'

रोस्टर के अलावा क्या और भी हैं दिक्कतें?

जजों के गुस्से की मुख्य वजह रोस्टर ही है. अगर आप चिट्ठी की भाषा पर गौर करें तो आसानी से वकील और जज ही समझ सकते हैं.

मुख्य तौर पर वो सिर्फ जजों की बेंच की नियुक्ति का मुद्दा ही उठा रहे थे.

अगर आप चिट्ठी के दूसरे हिस्से की बात करें, उसमें भी जज मेमोरैंडम ऑफ़ प्रॉसिजर की बात करते हुए भी जजों ने बेंच की नियुक्ति पर ही बात की है.

एनजेएसी केस में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने जब मेमोरैंडम ऑफ़ प्रॉसिजर के साथ डील किया, तब इस केस में दो जज कैसे सुनवाई कर सकते हैं. ये बात भी जजों के बेंच की नियुक्ति पर सवाल उठाती है, जिस पर जनता का यक़ीन निर्भर करता है.

सुप्रीम कोर्ट के एक से लेकर 26 या 31 नंबर तक जितने भी जज हैं, सब बराबर हैं. लेकिन राष्ट्रीय महत्व के जो मामले होते हैं, तब सुनवाई कर रहे जजों की वरिष्ठता भी मायने रखती है.

आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के सात सबसे सीनियर जजों को जस्टिस कर्णन केस पर फैसला लेने के लिए चुना गया? सिर्फ इसलिए, क्योंकि इस मसले पर हाईकोर्ट का एक जज शामिल था.

ठीक इसी तरह कई बड़े राष्ट्रीय मसले हैं, जिनकी सुनवाई वरिष्ठ जजों को एक सिद्धांत के तहत करने की ज़रूरत है.

चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्र कब-कब चर्चा में रहे?

चीफ जस्टिस का अगला कदम?

मुझे लगता है कि जब चार जजों ने इस मसले को प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बाहर ला दिया है. सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को इस मामले को फुलकोर्ट में लाना चाहिए.

मेरा ख़्याल है कि चीफ जस्टिस को इस बात का आइडिया लग गया होगा कि उनके साथी जज क्या सोचते हैं.

चीफ जस्टिस को अब सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए. मुझे नहीं लगता कि ये ऐसे हालात हैं, जिनसे छुटकारा नहीं पाया जा सकता.

निश्चित तौर पर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का काफी असर होगा और चिट्ठी में जिन बातों को उठाया गया है, चीफ जस्टिस को उससे निपटने के लिए कदम ज़रूर उठाने चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट
Reuters
सुप्रीम कोर्ट

सरकार अब क्या करेगी?

प्रेस कॉन्फ्रेंस की वजह से एक गंभीर संकट सामने आया है. लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर सुप्रीम कोर्ट को प्रतिष्ठा बचानी है तो इस समस्या को न्यायपालिका में सुलझाने की ज़रूरत है.

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रधानमंत्री के कानून मंत्री को बुलाए जाने की ख़बर आई है. मुझे लगता है कि राष्ट्रीय महत्व वाले किसी मसले पर प्रधानमंत्री का ये कर्तव्य है कि वो किसी मामले में क्या चल रहा है, ये जानने की कोशिश करे.

इस मसले पर सरकार आगे कुछ करने की स्थिति में नहीं है. सरकार, वरिष्ठ जजों, पूरे राष्ट्र को मीडिया और सिविल सोसाइटी के ज़रिए जजों को साथ काम करने के लिए कहना चाहिए.

समाज के अन्य तबकों की इस मसले पर ज़्यादा अहम भूमिका है क्योंकि एक मजबूत बहुमत वाली सरकार इस बात की फिक्र कम ही करेगी कि न्यायपालिका कमज़ोर है या ताकतवर.

आम लोगों का यकीन इससे डगमगाया है. लेकिन अगर सही वक्त पर सही कदम उठा लिए जाएं तो ये यकीन लौटेगा भी.

(बीबीसी संवाददाता इक़बाल अहमद से बातचीत पर आधारित)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Viewpoint Will the government of the judges worry about rebellion
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X