विदिशा सीट: शिवराज की साधना की पूरी होगी आस?
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घरेलू लोकसभा सीट विदिशा से इस बार साधना सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं। इसके लिए भाजपा का एक गुट प्रयत्न कर रहा है। वर्तमान में यहां से सुषमा स्वराज सांसद हैं और वे घोषणा कर चुकी हैं कि लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। शिवराज सिंह चौहान यहां से 5 बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 10वीं से 14वीं लोकसभा तक शिवराज सिंह चौहान यहां से जीतते रहे। मुख्यमंत्री बनने पर जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तब भारतीय जनता पार्टी ने रामपाल सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया और वे जीते। 15वीं और 16वीं लोकसभा में सुषमा स्वराज यहां से जीतीं। शिवराज सिंह चौहान के अलावा यहां से राघवजी भी एक बार जीत चुके हैं और भारतीय जन संघ के टिकट पर रामनाथ गोयनका भी जीत चुके हैं। विदिशा की सीट भाजपा की घरेलू सीट मानी जाती है और भाजपा को जिस नेता को संसद में भेजना होता है, उसे विदिशा से खड़ा कर दिया जाता है। 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी यहां से चुनाव जीत चुके है। कांग्रेस को 1994 के बाद यहां से कोई जीत नहीं मिली। प्रताप भानु शर्मा 1980 और 1984 में विदिशा से चुनाव जीते थे।
भाजपा के अलावा यहां से किसी और की जीतना मुश्किल है
अब प्रताप भानु शर्मा कांग्रेस चुनाव समिति की कोर टीम में है और यहां से फिर चुनाव लड़ने के इच्छुक है। लोग कहते है कि विदिशा का नतीजा सब जानते ही है, भाजपा के अलावा यहां से किसी और की जीतना मुश्किल है। वैसे ही जैसे इंदौर से सुमित्रा महाजन का जीतना लगभग तय माना जाता है। भाजपा के उम्मीदवार यहां से भारी मतों से जीतते रहे हैं। 2014 में सुषमा स्वराज को 66.55 प्रतिशत वोट मिले थे। 2009 में भाजपा को मिले वोटों का प्रतिशत 78.80 था। 2006 में रामपाल सिंह को 41.17 प्रतिशत वोट मिले थे और कांग्रेस के उम्मीदवार को 27.61 प्रतिशत। रघुनंदन शर्मा को 2006 में ही यहां से 21.89 प्रतिशत वोट मिले थे। शिवराज सिंह चौहान यहां से लगातार शानदार जीत हासिल करते रहे। 1996 में उन्हें 54 प्रतिशत, 1998 में 56 प्रतिशत, 1999 में 55 प्रतिशत, 2004 में 65 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते रहे। 1991 में यहां से अटल बिहारी वाजपेयी उम्मीदवार थे, जो गैरस्थानीय प्रत्याशी थे, लेकिन फिर भी उन्हें 58.81 प्रतिशत वोट मिले।
साधना सिंह को टिकट दिलाने के लिए शिवराज सिंह खुलकर सामने आए
इस बार साधना सिंह को टिकट दिलाने के लिए शिवराज सिंह के कुछ करीबी नेता खुलकर सामने आ गए है और वे दिल्ली में डेरा जमाए है। विदिशा जैसी सीट से जो भी भाजपा प्रत्याशी होगा, उसे ज्यादा मिन्नत करने की जरूरत नहीं पड़ने वाली, लेकिन मूल मुद्दा यहां से भाजपा का टिकट पाना है। हालांकि शिवराज सिंह चौहान खुलकर यह बात नहीं कहते कि वे यहां से अपनी पत्नी को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं, लेकिन विदिशा-रायसेन संसदीय क्षेत्र के लगभग 70 भाजपा नेता दिल्ली में राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज से मिलकर साधना सिंह की उम्मदवारी के लिए प्रयास कर रहे है। सुषमा स्वराज चुनाव लड़ते वक्त उनके क्षेत्र प्रभारी शिव चौबे और सुरेन्द्र तिवारी दोनों ही साधना सिंह के लिए टिकट मांग रहे है।
साधना सिंह का इस क्षेत्र में लगातार संपर्क बना हुआ है
भाजपा
के
राष्ट्रीय
सहसंगठन
मंत्री
सौदान
सिंह
और
प्रदेश
भाजपा
प्रभारी
विनय
सहस्त्रबुद्धे
को
भी
मनाने
की
कोशिश
चल
रही
है।
साधना
सिंह
को
टिकट
देने
वालों
की
मांग
करने
वालों
में
शमशाबाद
विधायक
राजश्री
सिंह,
बासौदा
की
विधायक
लीना
जैन
और
कुरवाई
विधायक
हरी
सिंह
सप्रे
के
अलावा
जिला
स्तर
की
पदाधिकारी
भी
शामिल
हैं।
इन
नेताओं
का
कहना
है
कि
साधना
सिंह
का
इस
क्षेत्र
में
लगातार
संपर्क
बना
हुआ
है
और
वे
कार्यकर्ताओं
की
बातें
सुनती-समझती
भी
हैं।
विदिशा
क्षेत्र
के
चप्पे-चप्पे
से
वे
वाकिफ
है
और
उन्हीं
के
प्रयासों
से
विदिशा
में
बहुत
से
विकास
कार्य
संभव
हुए
हैं।
ऐसे
में
साधना
सिंह
का
टिकट
पाने
का
अधिकार
तो
बनता
ही
है।
अतीत के पन्ने: पीएम बनने के लिए केसरी ने गिरायी थी गुजराल सरकार?