वीडियोकॉन लोन मामला: आंतरिक जांच में चंदा कोचर दोषी, इस्तीफे को निष्कासन माना गया
नई दिल्ली। आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन मामले के संबंध में प्रबंधन की ओर से की गई आंतरिक जांच में बैंक ने अपने पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर को आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दोषी ठहराया है। प्रबंधन ने कहा कि उन्हें इन आरोपों के चलते नौकरी से निकाला गया हुआ माना गया है। बता दें कि एक एक्टिविस्ट-शेयरहोल्डर ने आरोप लगाया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत के वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। कथित तौर पर धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर द्वारा संचालित एक कंपनी में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया।
आरोपों के बाद, चंदा कोचर लंबी छुट्टी पर चली गईं क्योंकि ICICI बैंक ने इस मामले को लेकर आंतरिक जांच शुरू कर दी। बाद में, उन्होंने ICICI बैंक के मुख्य परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन अब आईसीआईसीआई बैंक की आंतरिक जांच ने चंदा कोचर को अप्रभावी रूप से हितों के टकराव से निपटने के लिए दोषी ठहराया है।
ICICI Bank: Chanda Kochhar was in violation of ICICI Bank Code of Conduct, its framework for dealing with conflict of interest&fiduciary duties.Board of Directors has decided to treat separation of Chanda Kochhar from Bank as ‘Termination for Cause’ under Bank’s internal policies pic.twitter.com/ODLpACrx9l
— ANI (@ANI) January 30, 2019
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक आचार संहिता का उल्लंघन कर रही थीं, जो कि हितों के टकराव और विवादास्पद कर्तव्यों से निपटने के लिए इसकी रूपरेखा और भारतीय कानूनों, नियमों और विनियमों के संदर्भ में है। बता दें कि कोचर ने 1984 में ICICI बैंक में एक प्रबंधन ट्रेनी के रूप में शामिल हुईं थीं। इसके बाद धीरे वह शीर्ष पर पहुंच गईं और 2009 में प्रबंध निदेशक और सीईओ नियुक्त किया गया है।
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