Video: नाथूला में सेना ने बचाई जान, महिला ने भावुक होते हुए कहा-थैंक्यू इंडियन आर्मी
नई दिल्ली। जिस समय पूरा देश न्यू ईयर के मौके पर जश्न मना रहा था तो सिक्किम के नाथूला पास में सेना 3,000 पर्यटकों की जान बचाने में लगी हुई थी। 28 दिसंबर को सिक्किम और दार्जिलिंग में भारी बर्फबारी हुई थी और 10 वर्ष बाद हुई इस बर्फबारी में हजारों पर्यटकों की जान पर बन आई थी। 28 दिसंबर को ये पर्यटक नाथूला पास पर फंस गए थे। अब एक महिला ने जान बचाने के लिए इंडियन आर्मी को थैंक्यू कहा है और आंखों में आंसू लिए इस लड़की ने एक वीडियो भी ट्विटर पर पोस्ट किया है। इस लड़की ने न सिर्फ अपनी बल्कि सभी 3,000 पर्यटकों की तरफ से सेना को थैंक्यू कहा है।
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सभी ने आर्मी को कहा थैंक्यू
मीडिया के मुताबिक नाथूला पास पर करीब 300 से 400 गाड़ियां जिनमें टूरिस्ट्स थे फंस गई थीं। इन गाड़ियों में महिलाएं, बच्चे और बूजुर्ग लोग थे और बर्फबारी की वजह से वे सभी मुश्किलों में आ गए थे। उस समय सेना इन सभी लोगों के लिए देवदूत बनकर आई और इनकी जान बचाई। बुरे हालातों के बाद भी जवान हर टूरिस्ट की सुरक्षा का ध्यान रख रहे थे। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों की ओर से सेना को उसके इस काम के लिए तालियां मिली हैं। इन सबके बीच ही एक महिला का वीडियो ट्विटर पर अपलोड किया गया है। इस वीडियो में महिला के साथ कुछ और टूरिस्ट्स इंडियन आर्मी को थैंक्यू बोलते नजर आ रहे हैं।
आज मालूम पड़ा कि सेना क्या करती है
सिसकती हुई महिला को कहते हुए सुना जा सकता है, 'हम अक्सर पूछते हैं कि सेना क्या करती है, आज मैंने देख लिया कि वह हमारे लिए क्या करती है।' इस महिला ने आगे कहा है कि आज अगर वह जिंदा है तो सिर्फ सेना की वजह से जिसने उसकी और बाकी टूरिस्ट्स की जान बचाई है। बहुत से लोगों ने ट्विटर पर सेना को बधाई थी है और जिस तरह से टूरिस्ट्स की मदद की उसके लिए सराहना भी की है। जान बचाने के बाद सेना की ओर से पर्यटकों का गर्म कपड़े दिए गए। इसके अलावा आर्मी क्वार्ट्स में उन्हें शरण दी गई। इसके अलावा जवानों ने सड़क पर जमी बर्फ को हटाने में भी मदद की।
एक दशक बाद गिरी बर्फ
28 दिसंबर को सिक्किम की राजधानी गंगटोक और पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 10 वर्ष बाद बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। इन जगहों पर 14 फरवरी 2008 को आखिरी बार बर्फबारी हुई थी। वहीं सिक्किम के ऊपरी हिस्सों जैसे गंगटोक, नाथूला, शांगू लेक और रावांग्ला में भी भारी बर्फबारी हुई। इस बर्फबारी की वजह से सड़कें बर्फ से पट गई और पर्यटक नाथूला में ही फंस गए। सिक्किम के रवांग्ला में तो 15 वर्षों बाद बर्फ गिरी थी। गंगटोक के ऊपरी हिस्सो में भारी बर्फबारी दर्ज की गई थी। जिन पर्यटकों की जान बचाई गई उनमें से कुछ भारतीय तो कुछ विदेशी भी शामिल थे।