जयललिता के वीडियो को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया
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नई दिल्ली। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद भी उनकी मौत को लेकर विवाद जारी है। दिनकरन समर्थकों ने जयललिता के इलाज के दौरान का वीडियो जारी करके दावा किया था कि उनसे मिलने के लिए लोग अस्पताल गए थे। टीटीवी दिनकरन के समर्थक पी वेट्रीवेल का कहना है कि यह झूठ है कि कोई भी अस्पताल में जयललिता से मिलने के लिए नहीं गया। हमने इस वीडियो को जारी करने से पहले बहुत लंबे समय तक इंतजार किया, लेकिन अब हमारे पास वीडियो को जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। जांच आयोग ने हमे अभी तक पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है, अगर वह हमे बुलाता है तो हम अपने सबूत उन्हें देंगे। दिनकरन गुट की ओर से जारी वीडियो को चुनाव आयोग नेआचार संहिता का उल्लंघन माना है। आयोग ने इस वीडियो सेक्शन 126बी का उल्लंघन बताया है।
जूस पीती दिखीं थीं जयललिता
जयललिता का यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, माना जा रहा है कि दिनकरन की टीम ने इस वीडियो को चुनाव में लाभ लेने के लिए जारी किया था। वीडियो के जरिए दिनकरन की टीम ने यह साबित करने की कोशिश की है कि इलाज के दौरान जयललिता होश में नहीं थी, दावा किया गया था कि जितने दिन जयललिता का अपोलो अस्पताल में इलाज चला वह बेहोश थीं।
वीडियो आचार संहिता का उल्लंघन
जो वीडियो जारी किया गया था वह 20 सेकंड का था। इस वीडियो के जरिए पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम के उन दावों को झूठ साबित करने की कोशिश की गई है। दोनों ही गुट जयललिता की मौत के बाद एक दूसरे के सामने आ गए थे , जिसके बाद जयललिता की मौत की जांच के लिए कमीशन का गठन किया गया था। लेकिन इस वीडियो को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है।
21 दिसंबर को चुनाव
टीटीवी दिनकरन की टीम का दावा था कि अस्पताल में जयललिता ठीक थीं, इसके वीडियो मौजूद हैं। जिस तरह से आरके नगर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव से पहले यह वीडियो जारी किया गया है उसके बाद माना जा रहा है कि टीटीवी दिनकरन को इसका काफी फायदा मिल सकता है। आपको बता दें कि 21 दिसंबर को आरके नगर विधानसभा सीट पर चुनाव है।