Video: 10,000 फीट पर LAC के करीब उड़ान भरता वायुसेना का चिनुक हेलीकॉप्टर
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच टकराव को पांच माह पूरे हो चुके हैं। पांच माह से पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय मिलिट्री टैंक, मिसाइल समेत हर जरूरी लाव-लश्कर के साथ एलएसी पर मौजूद हैं। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के फाइटर जेट्स भी लगातार गश्त लगा रहे हैं। इस बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें लेह स्थित आईएएफ के चिनुक हेलीकॉप्टर को गश्त लगाते हुए देखा जा सकता है।
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लादेन का खात्मा करने वाला चिनुक
लद्दाख की राजधानी लेह स्थित कुशोक बाकुला रिम्पोचे एयरपोर्ट, भारतीय वायुसेना के नियंत्रण में है। 10,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित इस एयरबेस पर हाल ही में आईएएफ को नाइट फ्लाइंग की सुविधा मिली है। इसके बाद से आईएएफ के फाइटर जेट जैसे मिग-29 लगातार रात में भी गश्त करने में सक्षम हो सके हैं। चिनुक को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है। यह वही हेलीकॉप्टर है जिसे साल 2011 में अमेरिकी नेवी सील ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को एबोटाबाद में ढेर करने के लिए हुई सर्जिकल स्ट्राइक में प्रयोग किया था। पिछले वर्ष मार्च में दो चिनुक हेलीकॉप्टर भारत पहुंचे थे।
#WATCH Indian Air Force's Chinook helicopter carries out sortie from its Leh airbase in Ladakh. pic.twitter.com/QO6zLqeNyI
— ANI (@ANI) October 10, 2020
अफगानिस्तान में उड़ान भर चुका है चिनुक
भारत ने तीन बिलियन डॉलर की लागत से 15 चिनुक और 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की डील की थी। साल 1962 से अमेरिकी सेनाएं इसका प्रयोग कर रही हैं। साल 1967 में वियतनाम युद्ध के दौरान पहली बार इसका प्रयोग किया गया था। ईरान और लीबिया की सेनांए भी इस हेलीकॉप्टर का प्रयोग कर रही हैं। चिनुक हेलीकॉप्टर्स को अमेरिका ने अफगानिस्तान में कोल्ड वॉर के दौरान तैनात किया था। इसके बाद ईराक में इन्हें तैनात किया गया। अफगानिस्तान में जहां पर ऊंचे पहाड़ हैं और तापमान भी अनिश्चित रहता है, वहां पर सैनिकों को एयरलिफ्ट करने में इस हेलीकॉप्टर ने अपनी क्षमताओं का बखूबी प्रदर्शन किया। जरूरत पड़ने पर यह अमेरिका के पांच यूएच-60 अटैक हेलीकॉप्टर्स की जगह ले सकता है।