Video: अंबाला में टेक ऑफ करते ही कैसे पक्षियो से टकराया जगुआर, पायलट की सूझबूझ से बची कई जिंदगियां
अंबाला। गुरुवार को हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर एक बड़ा हादसा उस समय टल गया जब भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का फाइटर जेट जगुआर टेक ऑफ करते ही पक्षियो के झुंड से टकरा गया। इस पूरी घटना की वीडियो आईएएफ की तरफ से रिलीज किया गया है। वीडियो को देखकर समझ आ जाएगा कि कैसे पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल सका। फाइटर जेट का इंजन फेल हो जाने की वजह से इसका फ्यूल टैंक और प्रैक्टिस बम गिरते हैं और जोरदार धमाका देखा जा सकता है। इसके बाद भी पायलट ने इसकी सुरक्षित लैंडिंग कराई।
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टेक ऑफ करते ही पक्षियों का झुंड
आईएएफ की तरफ से इस वीडियो के साथ ही आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। एयरफोर्स की तरफ से कहा गया 'गुरुवार की सुबह एयरफोर्स के जगुआर एयरक्राफ्ट को दो अतिरिक्त फ्यूल ड्रॉप टैंक्स और कैरियर बम लाइट स्टोर्स (सीबीएलएस) पॉड्स से लोड किया गया था। इस एयरक्राफ्ट ने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से एक ट्रेनिंग मिशन के लिए उड़ान भरी थी। टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद पक्षियों के झुंड से एयरक्राफ्ट का आमना-सामना हुआ।' बयान में आगे कहा गया है कि इसकी वजह से एयरक्राफ्ट का एक इंजन फेल हो गया।
पायलट की तारीफ
वायुसेना के मुताबिक पायलट के सामने सबसे गंभीर चुनौती थी लेकिन इसके बावजूद कुछ ही सेकेंड्स के अंदर हालातों को भांपते हुए, उसने दो फ्यूल ड्रॉप टैंक्स और सीबीएलएस पॉड्स को गिरा दिया। इसके बाद स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (एसओपी) का पालन करते हुए उसने जेट की सुरक्षित लैंडिंग कराई। वायुसेना ने पायलट की तारीफ करते हुए कहा कि पायलट ने जो एक्शन लिया वह आईएएफ के प्रोफेशनल स्टैन्डर्ड के तहत ही था जो सेना की ट्रेनिंग का अहम हिस्सा होता है।
रनवे के करीब जोरदार ब्लास्ट
जैसे ही फ्यूल टैंक्स और सीबीएलएस पॉड्स गिरते हैं रनवे के एकदम करीब आग का गोला नजर आता है। पूरे इलाके में धुंआ ही धुंआ उठता है लेकिन इसके बाद भी जानमाल का कोई नुकसान नहीं होता है और यही वजह है कि न सिर्फ एयरफोर्स बल्कि आम जनता भी पायलट की तारीफ कर रही है। जिस समय हादसा हुआ जेट अच्छी खासी ऊंचाई पर था। पायलट ने न सिर्फ लोगों की जान बचाई बल्कि आबादी में जेट को क्रैश होने से बचाया और उसकी भी जान बच सकी।
युद्ध में काम आने वाले सामान सुरक्षित
एक एयरफोर्स ऑफिसर की ओर से बताया गया है कि घटना की वजह से पायलट को 10 किलोग्राम के प्रैक्टिस बमों को गिराना पड़ा। एक ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इन हालातों में भी सुरक्षित लैंडिंग करा लेना कोई आसान काम नहीं है। गुरुवार जैसे हादसे में जब इन-फ्लाइट इमरजेंसी की स्थिति हो तो उस समय पायलट को अंडर विंग्स स्टोर्स जैसे बम और बाहरी फ्यूल टैंक को गिराना पड़ता है। एयरफोर्स के मुताबिक पायलट न केवल युद्ध में काम आने वाली संपत्ति की रक्षा की बल्कि कई नागरिकों की जिंदगियों को भी बचाया जो एयरफील्ड के आसपास मौजूद थीं।