Video: कैसे मुंबई ने गुरेज के शहीद मेजर कौस्तुभ राणे को फूलों और आंसूओं के साथ दी अंतिम विदाई
जम्मू कश्मीर के गुरेज में मंगलवार को आतंकियों से मोर्चा लेते मुंबई के रहने वाले 29 वर्ष के मेजर कौस्तुभ राणे भी शहीद हो गए हैं। मेजर राणे को इसी वर्ष जनवरी में प्रमोशन मिला था। गुरुवार को मेजर राणे को अंतिम विदाई दी गई।
मुंबई। जम्मू कश्मीर के गुरेज में मंगलवार को आतंकियों से मोर्चा लेते मुंबई के रहने वाले 29 वर्ष के मेजर कौस्तुभ राणे भी शहीद हो गए हैं। मेजर राणे को इसी वर्ष जनवरी में प्रमोशन मिला था। गुरुवार को मेजर राणे को अंतिम विदाई दी गई। मुंबई के मीरा रोड निवासी मेजर राणे को स्थानीय लोगों ने फूलों और नम आंखों के साथ अंतिम विदाई थी। इस मौके पर उनकी पत्नी कनिका राणे भी मौजूद थी। मेजर कौस्तुभ के साथ ही इस एनकाउंटर में तीन और जवान भी शहीद हो गए थे। ये सैनिक उस समय शहीद हुए जब मंगलवार की सुबह घुसपैठ की कोशिशों में लगे आठ आतंकियों के साथ एलओसी पर स्थित गुरेज सेक्टर में एनकाउंटर हो रहा था। 36 राष्ट्रीय राइफल्स की पोस्ट के करीब आतंकी घुसपैठ की कोशिशों में थे और उन्होंने पोस्ट पर फायरिंग भी की थी। गुरेज, नॉर्थ कश्मीर के जिले बांदीपोर में आता है। ये भी पढ़ें-अंबाला के टेपला ने दी गुरेज के शहीद विक्रमजीत सिंह को श्रद्धांजलि
जनवरी में ही मिला था प्रमोशन
मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे जो जनवरी में ही प्रमोट होकर मेजर रैंक पर पहुंचे थे, अपने पीछे अपने पिता प्रकाश और मां ज्योति राणे के साथ पत्नी कनिका और ढाई वर्ष के बेटे को छोड़ गए हैं। उनके माता-पिता को मंगलवार तड़के उस समय अपने बेटे के शहीद होने की सूचना मिली जब वह कोंकण में स्थित अपने निवास स्थान के लिए निकलने की तैयारी कर रहे थे। मुंबई के मीरा रोड पर राणे फैमिली पिछले 30 वर्षों से रह रही है। मेजर राणे के पिता को सब इलाके में राणे काका कहकर बुलाते हैं।
छह वर्ष पहले पूरा हुआ सपना
मेजर राणे बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे और साल 2012 में उन्हें कमीशन मिला। सेना में ऑफिसर बनकर देश सेवा के लिए निकले राणे को उनके साथी और बाकी लोग एक हंसमुख स्वभाव का व्यक्ति कहते हैं। राणे 36राष्ट्रीय राइफल्स के साथ तैनात थे। मेजर कौस्तुभ के साथ इस एनकाउंटर में गनर विक्रमजीत सिंह, राइफलमैन मनदीप सिंह रावत, राइफलमैन हमीर सिंह भी गुरेज में शहीद हो गए थे। जो आतंकी घुसपैठ की कोशिशों में लगे थे, उन्हें पाकिस्तान की सेना की ओर से कवर दिया गया था। जिस समय आतंकी घुसपैठ कर रहे थे उसी समय पाक सेना की ओर से भारी गोलीबारी जारी थी।
शहीद होने से पहले ढेर किए चार आतंकी
गुरेज की गोविंद नाला पोस्ट पर मंगलवार देर रात एक बजे उस समय गोलीबारी शुरू हुई जब आतंकी सीमा पार करके देश में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। अलर्ट सैनिकों ने घुसपैठ के इस प्रयास को विफल कर दिया। इस एनकाउंटर में शहीद होने से पहले इन शहीदों ने चार आतंकियों को भी ढेर कर दिया था।