VIDEO: जब अमित शाह की पोती ने भाजपा की कैप पहनने से कर दिया इनकार
गांधीनगर। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी प्रमुख पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। चाहे केंद्र में सत्ता संभाल रही बीजेपी हो या विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत दूसरे राजनीतिक दल। सभी दलों ने कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पहली बार लोकसभा चुनाव में दावेदारी करने जा रहे हैं। अमित शाह, गुजरात की गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए शनिवार को शाह अपना नामांकन भरने के लिए गांधीनगर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उनका परिवार भी था। जिस समय अमित शाह अपना नामांकन करने के लिए जा रहे थे उसी समय बेहद मजेदार वाक्या हुआ।
अमित शाह की पोती नहीं पहनीं बीजेपी की कैप
दरअसल हुआ ये कि जब अमित शाह नामांकन के लिए जा रहे थे उस समय उनकी पोती भी उनके साथ ही थी। इस दौरान उन्होंने अपनी पोती को भाजपा की कैप पहनाने की कोशिश, लेकिन उनकी पोती ने इससे इनकार कर दिया। इस बीच एक बार नहीं बल्कि दो-तीन बार कैप पहनाने की कोशिश हुई, हालांकि बार-बार प्रयास के बावजूद अमित साह की पोती ने कैप पहनने से मना कर दिया।
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कई बार कोशिश के बाद भी नहीं हुए सफल
कई बार कोशिश के बाद भी जब अमित शाह की पोती ने भाजपा की कैप नहीं पहनीं तो उन्होंने अपनी पोती की जिद को स्वीकार कर लिया और उसे उसकी पहले से पहनी हुई कैप ही पहना दी। बता दें कि अमित शाह ने गांधीनगर से नामांकन भरने से पहले चार किलोमीटर का रोड शो किया। नामांकन से पहले अमित शाह ने कहा कि मुझे आज 1982 के दिन याद आ रहे हैं। जब मैं यहां के एक छोटे से बूथ का बूथ अध्यक्ष था। अमित शाह ने आगे कहा कि गांधीनगर से लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी सांसद रहे। मेरा सौभाग्य है कि भाजपा मुझे यहीं से सांसद बनाने जा रही है।
गांधीनगर में अमित शाह के नामांकन के दौरान हुआ वाक्या
बता दें कि अमित शाह के नामांकन के दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल और लोकजनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान भी मौजूद रहे। हालांकि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इसमें शामिल नहीं हुए। बता दें कि गांधीनगर सीट से अभी लालकृष्ण आडवाणी ही सांसद हैं।
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