'साइलेंट किलर' INS खंडेरी पानी के अंदर 300 मीटर तक कर सकती है दुश्मन पर हमला
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मुंबई। शनिवार को नौसेना की ताकत में कई गुना इजाफा हो गया जब उसके बेडे़ में आईएनएस खंडेरी शामिल हुई। दो वर्षों का इंतजार 28 सितंबर को खत्म हुआ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे नौसेना को सौंपा। आईएनएस खंदेरी को 'साइलेंट किलर' के नाम से भी जाना जाता है। पनडुब्बी के पानी के अंदर होने पर दुश्मन को इसके बारे में जरा भी पता नहीं लग पाता है क्योंकि यह बिल्कुल भी आवाज नहीं करती है।आईएनएस खंडेरी कलावरी क्लास की दूसरी पनडुब्बी है। आइए आपको इसकी उन खासियतों के बारे में बताते हैं जो इसे और ज्यादा खतरनाक बनाती हैं।
छत्रपति शिवाजी के दुर्ग पर नाम
पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी का नाम छत्रपति शिवाजी के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंही ने इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने बताया खंडेरी का नाम मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के किले के नाम पर रखा गया है। शिवाजी अदम्य साहत और शक्ति के अलावा दृढ़ इच्छा शक्ति के प्रतीक थे। इसके अलावा वह मध्य भारत के पहले शासक थे जिन्होंने एक मजबूत नौसेना की अहमियत को पहचाना था।
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रडार भी नहीं पकड़ सकती खंडेरी को
‘साइलेंट किलर' खंडेरी न तो आवाज करती है और न ही दुश्मन की रडार इसे पकड़ सकती हें। दुनिया की सबसे शांत पनडुब्बी टॉरपिडो, एंटीशिप मिसाइल से लैस है। आईएनएस खंडेरी को भारत में ही तैयार किया गया है। इसमें एक हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी मशीनें लगी हैं। भारत में बनी यह पनडुब्बी पानी के अंदर 37 किमी/घंटा की रफ्तार से तो पानी के ऊपर 20 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। इसके अलावा यह 45 दिनों तक पानी में रह सकती है।
300 किलोमीटर दूर से हमला करने में सक्षम
देश में बनी यह पहली ऐसी पनडुब्बी है, जो बैटरी की मदद से चलती है। इसमें 750 किलो की 360 बैटरियां लगाई गई हैं। इस बैटरी को चार्ज करने के लिए 1250 वॉट्स के दो डीजल जेनरेटर लगाए गए हैं। यह एक बार में 12 हजार किमी का सफर पूरा कर सकती है। इसमें 36 नौसैनिक रह सकते हैं। ये दुश्मन के जहाज को 300 किमी को दूर से ढेर करने की ताकत रखती है। न सिर्फ दुश्मन के जहाज बल्कि पानी के अंदर छिपी दुश्मन की पनडुब्बी का पता लगाकर उसे नष्ट करने की ताकत रखती है।
पानी की गहराई में जाकर हमला
दुश्मन के बेड़े को तबाह करने के लिए यह 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है। प्रोजेक्ट 75 के तहत तैयार की आईएनएस खंडेरी ऐसी दूसरी पनडुब्बी है। इस प्रोजेक्ट के तहत छह पनडुब्बियां तैयार होनी हैं। इस क्लास की एक और पनडुब्बी आईएनएस करंज पानी के अंदर अपने ट्रायल को पूरा कर रही है।