आर्थिक मंदी की आहट के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दिया बड़ा बयान
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नई दिल्ली। देश में गिरती अर्थव्यवस्था का असर उद्योगों पर भी पड़ रहा है। कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी ने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट को दो दिन बंद रखने का फैसला किया है। पहली तिमाही में आई जीडीपी में गिरावट के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलवार है। वहीं, आर्थिक मंदी की आहट के बीच देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का बड़ा बयान आया है।
आर्थिक मंदी को वैश्विक कारकों का 'अस्थाई प्रभाव' बताया
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आर्थिक मंदी को वैश्विक कारकों का 'अस्थाई प्रभाव' बताया और कहा कि भारत 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनने के लक्ष्य को 2024-25 तक हासिल कर लेगा। वेंकैया नायडू ने वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक अहम अर्थव्यवस्था और विश्व में अहम भूमिक निभाने वाले देश के रूप में भारत का उभरना और अफ्रीका की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था एवं अपना भविष्य खुद निर्धारित करने की उसकी आकांक्षा के कुछ ऐसे कारक हैं, जो उनके समकालीन संबंधों को आकार दे रहे हैं।
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'5 ट्रिलियन इकॉनमी बनने के लक्ष्य को 2024-25 तक हासिल कर लेगा भारत'
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत 2024-25 तक 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनने की आकांक्षा रखता है। यही बात आर्थिक सर्वेक्षण में कही गई है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। सुधार के लिए उठाए गए हमारे कदमों से वे स्थिर हैं और दुनियाभर में सुस्ती के कारण भी कुछ अस्थाई प्रभाव है।
वेंकैया नायडू ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं
वेंकैया नायडू ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। भारत आगे बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में ये तेजी से अपने लक्ष्य को हासिल करेगा। मंदी की आहट के बीच जीडीपी में गिरावट से मोदी सरकार को झटका लगा है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने इसको लेकर कहा था कि, जीडीपी में गिरावट है लेकिन हम अभी भी 5 प्रतिशत के स्तर पर हैं और हम आगे विकास के पथ पर फिर आ जाएंगे।