6 बड़ी वजहें: वेंकैया नायडू ने खारिज किया दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने प्रस्ताव को खारिज करने से पहले इसपर काफी मंथन किया और फिर तकनीकी वजहों के आधार पर प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज होने से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने प्रस्ताव को खारिज करने से पहले इसपर काफी मंथन किया और फिर तकनीकी वजहों के आधार पर प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। आइए जानते हैं वो वजहें, जिनके आधार पर वेंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज किया।
नहीं किया राज्यसभा की गाइडलाइन का पालन
1:- एक्सपर्ट का मानना है कि विपक्ष ने इस प्रस्ताव को राज्यसभा चेयरमैन के पास ले जाने में राज्यसभा की तय गाइडलाइन का पालन नहीं किया, जो खारिज होने की सबसे बड़ी वजह बना।
2:- राज्यसभा चेयरमैन और उपराष्ट्रपति का मानना है कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ किसी तरह की न्यायिक अनियमितता का कोई सबूत नहीं है।
प्रस्ताव पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित
3:- उपराष्ट्रपति ने बहुत से संविधान विशेषज्ञों और कानूनी जानकारों से इस संबंध में बातचीत की और उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के विपक्ष में अपना मत दिया।
4:- विपक्ष ने वेंकैया नायडू के पास प्रस्ताव भेजने के बाद मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक कर दिया है। ये भी खारिज किए जाने की बड़ी वजह है।
रिटायर्ड सांसदों के हस्ताक्षर
5:- अंतत: उपराष्ट्रपति और सरकार का मानना है कि ये महाभियोग का ये प्रस्ताव पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित था और इसमें कोई दम नहीं था।
6:- इस प्रस्ताव पर कुछ ऐसे सांसदों ने भी दस्तखत किए थे जो पहले ही रिटायर्ड हो चुके थे।
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