उपराष्ट्रपति बोले- पुलिस का दबावमुक्त होना जरूरी, सीएम बदलते ही डीजीपी बदलना ठीक चलन नहीं
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा है कि पुलिस को दबाव परे रहकर काम करने की जरूरत है। पुलिस सुधार दिवस पर एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि राज्य में सरकार बदलती है तो नए सीएम के साथ डीजीपी भी नया आ आता है। आखिर इसका क्या मतलब है, डीडीपी का निश्चित कार्यकाल होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को बाहरी दबाव से मुक्त रखने के लिए निर्देश दिए हैं। जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ-साथ स्वायत्ता होनी चाहिए। नायडू ने मुख्यंत्रियों के पसंद के डीजीपी नियुक्त करने पर कहा कि डीजीपी का कार्यकाल तय होना चाहिए। राज्यों में मुख्यमंत्री बदलने के साथ डीजीपी भी बदले जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने पुलिस बलों के भीतर भी आंतरिक सुधारों का सुझाव देते हुए कहा, पुलिस थानों को लोगों के अनुकूल बनाने के लिए हम कई सालों से बात कर रहे हैं। सच ये है कि ऐसा नहीं हो पाया। जब तक सीनियर पुलिस अफसर थानों के माहौल को बदलने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक सुधार नहीं होगा। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
बता दें कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव और पुलिस की कार्यशैली को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में पुलिस सुधार की मांग भी लंबे समय से उठती रही है। इस दिशा में कई दफा सरकार की ओर से समितियां भी बनाई गईं लेकिन जमीन पर ज्यादा कुछ कोशिश होती नहीं दिखी।
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