भारत एक जमाने में था विश्वगुरू, 20 फीसदी थी हमारी जीडीपी: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि औपनिवेशिक शासन काल में हमारे इतिहास को बिल्कुल गलत तरीके से गढ़ा गया। इसमें हमें एक खराब समाज की तरह से पेश किया गया, हमारे पास पुरातत्व में ऐसे काफी सुबूत हैं जो इतिहास को ठीक करने में काम आ सकते हैं। ऐसे में हमें लोगों को अब अपना सही इतिहास बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक जमाने में हम विश्वगुरु थे और कहा जाता है कि हमारी जीडीपी 20 फीसदी के करीब थी। महाराष्ट्र के पुणे में गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ये बातें कहीं।
उपराष्ट्रपति ने कहा, औपनिवेशिक शासन में हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। जिस वजह से हमारा वास्तविक इतिहास हमारे सामने प्रस्तुत नहीं हो पाया। जिन लोगों ने भारत में आकर हमारे ऊपर हमले किए, हमें लूटा और धोखा दिया, उनके बारे में पढ़ाया जाता है कि वे महान लोग हैं। वहीं शिवाजी महाराज, बिश्वेश्वर, ज्ञानेश्वर, रानी लक्ष्मी बाई और शंकराचार्य के बारे में ज्यादा नहीं बताया जाता, इसलिए मैं कहता हूं की हमें लोगों के सामने असली इतिहास को रखना होगा। औपनिवेशिक शासकों ने हमारी आत्मा को मारने के लिए जानबूझ कर ऐसा किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे इतिहास को फिर से लिखने और उसे ठीक करने की जरूरत है। भारत कभी पूरी दुनिया में विश्व गुरु होता था। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की जीडीपी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होती थी। भारत कभी हमलावर नहीं रहा, कभी हमने किसी पर हमला नहीं किया। हमें वास्तविक इतिहास को लोगों को बताने की जरूरत है।
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