क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

UK-India Week 2018 :नीति आय़ोग के वाइस चेयरमैन बोले-दुनिया में हम बड़े बदलाव का केंद्र हैं

Google Oneindia News

लंदन। लंदन में 5वें वार्षिक यूके-इंडिया लीडरशिप कॉन्क्लेव में भाग ले रहे नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि 2004 में भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा था, लेकिन कुछ ऐसी गतिविधियां हुईं, जिससे हमारी गति धीमी पड़ने लगी। 2014 के बाद से भारत सरकार के कार्य करने के तरीके में बड़े बदलाव किए गए। हम बिजनेस में बदलाव लाने के लिए एक बड़े लोकतंत्र को चला रहे हैं।

राजीव

2014 से निवेशकों और सरकार के बीच संबंध ऐसे नहीं रहे, जिनसे देश को लाभ हो सके। 70 वर्षों से जो निवेशक भारत की तरफ देखने से तक घबराते थे, अब अपना ध्‍यान भारत की ओर आकर्षित हो रहा है। अलग-अलग पैमानों पर हमने रैंकिंग का सिस्‍टम शुरू किया है। जैसे जल संरक्षण हो, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, आदि के क्षेत्र में रैंकिंग प्रणाली शुरू की है। हर संस्‍थान को नंबर वन पर रहने की होड़ है।

राजीव कुमार ने कहा कि, पहली बार भारत सरकार ने यह पाया कि हम पानी के बड़े संकट से जूझ रहे हैं। 600 मिलियन लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। नीति आयोग ने पाया कि गुजरात इस क्षेत्र में सबसे अच्‍छा कार्य कर रहा है। जब हमने इस क्षेत्र में रैंकिंग प्रणाली को लागू किया। तब बाकी के राज्‍य आगे आये। ठीक उसी तरह से निवेश के क्षेत्र में हमने बिजनेस के क्षेत्र में रैंकिंग प्रणाली को लागू किया, जिससे हर राज्‍य ने इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया और आज अलग-अलग राज्‍यों में निवेश देखने को मिल रहा है।

राजीव

हमने हर क्षेत्र के निवेशकों से कहा है कि जहां भी आपको कोई भी दिक्‍कत हो हमें बतायें, सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है और हम निजी क्षेत्र की कंपनियों के आगे आने वाली बाधाओं को दूर करने का काम कर रहे हैं।

राजीव कुमार ने कहा कि, डिजिटल इंडिया की बात करें तो इस समय भारत में 350 मिलियन स्‍मार्ट फोन हैं। हम अमेरिका और चीन से ज्‍यादा मोबाइल डेटा का 1.3 बिलियन गीगा बाइट प्रति माह इस्तेमाल कर रहे है। बहुत जल्‍द यह 2 बिलियन मेगा बाइट को पार कर जायेगा। देश में 412 मिलियन इंटरनेट सब्‍सक्राइबर हैं। भारत में डेटा का प्रयोग तीव्र गति से बढ़ रहा है। सरकार प्रत्‍येक व्‍यक्ति को इंटरनेट से जोड़ने के लिये प्रतिबद्ध है। आज 110 गांव फाइबर इंटरनेट से जुड़ चुके हैं। इन्‍फॉरमेशन फ्री इन्‍वायरमेंट बनाने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं।

राजीव

उन्होंने कहा कि, सरकार आंगनबाड़ी की कर्मियों तक स्‍मार्ट फोन पहुंचाने का काम हम कर रहे हैं। ताकि गांव-गांव में काम कर रहीं महिलाएं भी स्‍मार्ट फोन के माध्‍यम से दुनिया से जुड़ सकें। जनहित सेवाओं की बात करें तो, हम हर सेवा को इंटरनेट के माध्‍यम से लोगों तक पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। यह डिजिटल इंडिया का प्रारूप है, जो सभी को देखने को मिल रहा है। नीति आयोग ने ऐसी प्रणाली तैयार की है, जिसके माध्‍यम से हम प्रत्‍येक राज्‍य के विकास के रीयल टाइम डाटा को देख सकते हैं। नीति आयोग के पोर्टल पर आप रीयल टाइम डाटा देख सकते हैं।

देखिए यूके-इंडिया लीडरशिप कॉन्क्लेव की शानदार तस्वीरें

प्रदूषण से निबटने के लिये नीति आयोग ने तैयार किया ये खास प्लान

कॉन्क्लेव में राजीव कुमार से पूछा गया कि प्रदूषण से निबटने के लिये नीति आयोग क्‍या कर रहा है? तो इस सवाल के जवाब में राजीव कुमार ने कहा कि यह यथार्थ है कि हम प्रदूषण की बड़ी समस्‍या से जूझ रहे हैं। दिल्‍ली इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। नीति आयोग ने दो टास्‍क फोर्स बनायी हैं। जो दो अलग-अलग तरीके से कार्य कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि, रुड़की विश्‍वविद्यालय के एक अध्‍ययन में पाया गया कि दिल्‍ली का 70 प्रतिशत प्रदूषण धूल और धुएं के कारण होता है। इसे रोकने व लोगों को जागरूक करने का काम स्‍थानीय निकाय का है। हरित टास्कफोर्स उनके साथ काम कर रही है। मैं यह नहीं कह सकता कि कल से प्रदूषण समाप्‍त हो जायेगा, लेकिन हां समय के साथ-साथ आपको परिवर्तन दिखाई देगा।

आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस पर बोले राजीव कुमार

भारत में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस की संभावनाओं पर बात करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि, भारत में उन्नत तकनीक और नौकरी सृजन के लिए इसे लेकर फैले डर को कम करना होगा। हमें यह देखने की ज़रूरत है कि हम इस मुद्दे पर ब्रिटेन जैसे देशों के साथ कैसे सहयोग कर सकते हैं एआई भारत को वास्तव में समरूप समाज बनाने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।

rajeev

प्रश्न: स्‍मार्ट सिटी बना रहे हैं, लेकिन ऊर्जा का इंतजाम कहां से करेंगे? भारत में पहले ही बिजली का संकट है।

राजीव कुमार- मेरे पास जो आंकड़े हैं, उसके अनुसार ऊर्जा की कमी (एनर्जी डेफीसियट) का इंडेक्‍स मार्च 2013 में 8.2 प्रतिशत था जो मार्च 2018 में घट कर 1.1 प्रतिशत हो गया है। इसका कारण यह भी है कि बिजली की डिमांड भी नहीं बढ़ी है। हमें उम्‍मीद है कि आने वाले समय में एनर्जी डैवीसियट का इंडेक्‍स बढ़ेगा। हमने इससे निबटने के लिये थर्मल पावर प्‍लांट्स के लिये कोयले की सप्‍लाई बढ़ाई है। इससे भी आगे बढ़कर यह है कि हमने रिन्‍युवेबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा पर ज्‍यादा तीव्र गति से काम करना शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि, हमारी योजना अगर इसी गति से आगे बढ़ती गई, तो अक्षय ऊर्जा का योगदान अन्‍य स्रोतों की तुलना में कहीं आगे होगा। हमारा अनुमान है कि कुछ ही सालों में देश के प्रत्‍येग गांव अक्षय ऊर्जा की वजह से जगमगाते हुए दिखाई देंगे। केवल गांव ही नहीं, बल्कि उसके प्रत्‍येक घर में बिजली होगी। हम दो चरणों में काम कर रहे हैं। पहला चरण गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्‍य, दूसरा चरण प्रत्‍येक घर में बिजली पहुंचाने के लक्ष्‍य को पूरा करने का है। हमें विश्‍वास है अगले पांच सालों में बिजली का संकट पूरी तरह खत्‍म हो जायेगा।

जल संकट पर बोले राजीव कुमार- रिपोर्ट पर हो सकती है राजनीति

जल संकट पर राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग ने इसके प्रत्‍येक पहलु को गंभीरता से लिया और एक रिपोर्ट तैयार की। उस रिपोर्ट के जारी करने का सबसे बड़ा रिस्‍क था, कि उस पर राजनीति हो सकती थी। लोग यह भी कह सकते थे कि इसकी वजह से सरकार गिर सकती है। लेकिन हम पीछे नहीं हट सकते थे। हमने रिपोर्ट जारी की और प्रत्‍येक राज्‍य की रिपोर्ट राज्‍य सरकारों को सौंपी। साथ ही यहां भी रैंकिंग प्रणाली को लागू किया। अब जमीनी स्‍तर पर ऐक्‍शन लेने का काम राज्‍य सरकारों का है, जिनका सहयोग केंद्र सरकार करेगी।

Comments
English summary
Vice-Chairman of the NITI Aayog Rajiv Kumar UK-India Week 2018 london
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X