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हिंदू समाज तत्काल मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर सकता है: वीएचपी नेता

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नई दिल्ली। अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विश्व हिंदू पररिषद के वरिष्ठ नेता मिलिंद परांदे ने कहा कि हिंदू समाज तत्काल प्रभाव से अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर सकता है अगर सरकार उन्हें ऐसा करने की व्यवस्था प्रदान करे। परांदे ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 60 फीसदी सामान और आर्किटेक्चरल योजना पहले से ही तैयार है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास ने पहले ही कुछ पत्थरों को तराश रखा है जोकि मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कुल पत्थर का तकरीबन 60 फीसदी है। यही नहीं मंदिर निर्माण के लिए नक्शा भी पहले से ही तैयार है।

आज से ही शुरू हो सकता है मंदिर निर्माण

आज से ही शुरू हो सकता है मंदिर निर्माण

वीएचपी के नेता ने कहा कि सरकार ने ने विवादित जमीन को राम लला को दान में दे दिया है। मूलभूत चीजों की तैयारी कर ली गई है। अगर सरकार एक व्यवस्था बनाए तो हिंदू समाज तुरंत मंदिर निर्माण का काम शुरू कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि समाज को मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और लोगों के सहयोग से ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए। सरकार को इसपर अपना पैसा खर्च नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही वीएचपी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए किसी भी तरह का चंदा इकट्ठा नहीं कर रही है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दायर करेगा पुनर्विचार याचिका

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दायर करेगा पुनर्विचार याचिका

वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसला लिया है कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। यही नहीं बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पांच एकड़ जमीन मस्जिद के लिए लेने से इनकार कर दिया है। बता दें कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस फैसले में कोर्ट ने विवादित स्थल को मंदिर निर्माण के लिए देने का फैसला सुनाया था, साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या की किसी अहम जगह पर पांच एकड़ जमीन देने का भी फैसला सुनाया था।

जस्टिस नजीर को जेड कैटेगरी सुरक्षा

जस्टिस नजीर को जेड कैटेगरी सुरक्षा

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसकी अध्यक्षता पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की थी। इस बेंच में जस्टिस गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस अब्दुल नजीर शामिल थे। अहम बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसल के बाद जस्टिस एस अब्दुल नजीर और उनके परिवार को जान का खतरा बताया गया है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया है।

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English summary
VHP leader says hindu society can immediately start construction of Ram Mandir in Ayodhya.
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