52 साल में पहली बार विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष का चुनाव, दाव पर प्रवीण तोगड़िया का भविष्य
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नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराने जा रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि विहिप के सदस्य दो लोगों के नाम पर आपसी सहमति से अंतिम फैसला नहीं ले सके। यह चुनाव 14 अप्रैल को गुरुग्राम में होगा। यह चुनाव विहिप की स्थापना के बाद पहली बार हो रहा है। इससे पहले विहिप के तमाम सदस्य भुवनेश्वर में इकट्ठा हुए थे लेकिन इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर सहमति नहीं बन पाई।
पहली बार नहीं बन पाई सहमति
जिन लोगों उम्मीदवारों के नाम पर यह आम सहमति नहीं बन पाई है उनसे से एक हैदराबाद के राधव रेड्डी और दूसरे हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज विष्णु सदाशिव कोकजे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में मौजूदा विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के भी भविष्य का फैसला होगा। पिछले कई वर्षों में तोगड़िया लोगों के बीच काफी लोकप्रिय चेहरे के तौर पर सामने उभरे हैं, ऐसे में हाल ही में जिस तरह से उन्होंने गुजरात सरकार और पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे, उसके बाद उनका भविष्य भी दांव पर लगा है।
तोगड़िया को लेकर मंथन
माना जा रहा है कि तोगड़िया को लेकर अब विहिप में एकमत नहीं रह गया है। विहिप इस बात पर भी मंथन कर रहा है कि क्या अब तोगड़िया आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडा को आगे ले जाने में सक्षम है। आपको बता दें कि विहिप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद चुनाव के आधार पर होता है, जबकि कार्यकारी अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष नामांकन प्रक्रिया से होता है, जिसे खुद अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनता है। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों बार रेड्डी ने तोगड़िया के नाम को चुना है।
विहिप ने की पुष्टि
विहिप के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने बताया कि 14 अप्रैल को गुरुग्राम में हम अपने अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने जा रहे हैं। राघव रेड्डी बनाम कोकजे के बीच यह चुनाव है, पिछली बार आम सहमति नहीं बन सकी थी, लिहाजा एक बार फिर से प्रक्रिया को पूरा करने के लिए हम मिलने जा र हे हैं। वहीं प्रवीण तोगड़िया ने इस चुनाव को लेकर हैरानी जताई है।
रेड्डी का तोगड़िया करेंगे समर्थन
तोगड़िया ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कैसे अचानक से केकजे हिंदुत्व की जमीन सामने आ गए, लेकिन मैं रेड्डी का समर्थन करुंगा। तोगड़िया ने कहा कि मैं रेड्डी का समर्थन करुंगा, वह युवा हैं, हिंदुत्व के लिए समर्पित हैं और उन्हें अशोक सिंघल जी ने चुना था। अगर कोकजे चुने जाते हैं तो यह तय है कि मैं कैबिनेट में नहीं रहुंगा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संवैधानिक पद पर रह चुका है वह कैसे धार्मिक-सामाजिक संगठन में पद के लिए सामने आ सकता है। वह 20 वर्ष पहले संवैधानिक पद से रिटायर हुए हैं, उन्होंने हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं किया है, बावजूद इसके वह इस पद के लिए खड़े हो रहे हैं।
तोगड़िया ने जताया आश्चर्य
तोगड़िया ने आरोप लगाया है कि 52 वर्ष में पहली बार विहिप के भीतर इस पद के लिए चुनाव हो रहा है, इसकी बड़ी वजह है कि इसके लिए राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। आरएसएस ने कोकजे के नामांकन को आगे बढ़ाया है। पिछले वर्ष दिसंबर माह में जब कोकजे के नाम को आरएसएस ने आगे बढ़ाया था कि तोगड़िया ने इसके खिलाफ अपना मत रखा था, जिसकी वजह से चुनाव को स्थानांतरित कर दिया गया था।
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