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17 साल की उम्न में जेठमलानी को मिली थी लॉ की डिग्री, लाखों में थी इनकी फीस

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नई दिल्ली। देश के वरिष्ठ वकील रहे राम जेठमलानी का रविवार को निधन हो गया, वह 95 वर्ष के थे, जेठमलानी पिछले दो हफ्ते से गंभीर तौर पर बीमार थे। जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे हैं। साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था। फिलहाल जेठमलानी आरजेडी से राज्यसभा सांसद भी थे।

नहीं रहे जेठमलानी

नहीं रहे जेठमलानी

रामजेठमलानी अपने आप में एक बहुत बड़ी हस्ती थे, आजाद भारत में वकालत के पेशे को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने वाले राम जेठमलानी का जन्म पाकिस्तान के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था, पढ़ने में बेहद मेधावी रहे जेठमलानी ने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई एक साल में ही पूरी कर ली थी और मात्र 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर गये थे, जेठमलानी के पिता बोलचंद गुरमुख दास जेठमलानी और दादा भी वकील थे। राम जेठमलानी ने अपने करियर की शुरुआत पकिस्‍तान में लॉ के प्रोफेसर के रूप में की। फरवरी 1948 में कराची में भड़के दंगे के कारण वे भारत चले आए।

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दस से तीस लाख रुपए फीस लेते थे जेठमलानी

दस से तीस लाख रुपए फीस लेते थे जेठमलानी

मात्र 17 साल की उम्र में एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले राम जेठमलानी की न्यायालय में सिर्फ एक दिन उपस्थित होने की उनकी फीस दस से तीस लाख रुपए तक थी, 18 साल की उम्र में उन्होंने वकालत का अपना जो सफ़र शुरू किया था वह अंत तक जारी ही रहा, वे भारत के सबसे कम उम्र के वकील भी थे और सबसे ज्यादा उम्र के वकील भी थे, फिलहाल राम जेठमलानी ने कुछ दिन पहले ही वकालत से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था।

इन केसों की वजह से रहे चर्चा में

इन केसों की वजह से रहे चर्चा में

पहले ही केस में चर्चित हो गए थे, यह केस 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का था, इसमें जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था, 1960 के अंत में तस्‍करों पर हुए स्टिंग ऑपरेशन के बाद जेठमलानी की छवि उन्‍हें बचाने को लेकर खराब हुई, जिस पर उन्होंने तर्क दिया था कि वो वकील का काम कर रहे हैं ना कि जज का, वे मुंबई शासकीय कानून महाविद्यालय में अंशकालीन प्रोफेसर के पद पर भी रहे थे, उन्‍होंने मिशिगन में डेट्रॉयट के वायने स्‍टेट विश्‍वविद्यालय में अंतरराष्‍ट्रीय लॉ विषय से कॉपरेटिव लॉ भी पढ़ाया था । इसके साथ ही वे भारतीय बार काउंसिल के दो बार चेयरमैन बने थे।

इन कारणों से हमेशा रहे चर्चा में...

इन कारणों से हमेशा रहे चर्चा में...

जेठमलानी कई हाई-प्रोफाइल केसों के कारण हमेशा चर्चा में रहे। उन्होंने आसाराम को यौन उत्‍पीड़न से बचाने, 2011 में राजीव गांधी के हत्‍यारे, इंदिरा गांधी के हत्‍यारे, हर्षद मेहता और केतन पारेख का स्‍टॉक मार्केट घोटाला, हाजी मस्‍तान, अफलज गुरु की फांसी के खिलाफ, लालकृष्‍ण आडवाणी का हवाला घोटाला, जेसिका लाल हत्‍याकांड में मनु शर्मा का केस, अमित शाह, कनिमोझी, वाईएस जगमोहन रेड्डी, येदियुरप्‍पा, रामदेव और शिवसेना का केस लड़ा और उनका बचाव किया। राम जेठमलानी का कहना है कि वे हमेशा से ही एक वकील की भूमिका निभा रहे हैं। हर व्‍यक्ति को अपना बचाव करने का हक है।

1988 में जेठमलानी राज्‍यसभा के सदस्‍य बने

अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में आए राम जेठमलानी का झुकाव शुरू से ही राजनीति की तरफ रहा पर वकालत के पेशे में उन्होंने कभी भी किसी दल या संगठन का केस लड़ने में भेदभाव नहीं किया, राम जेठमलानी ने 1971 में एक निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में उल्‍हास नगर से चुनाव लड़ा जिन्‍हें भाजपा और शिवसेना का समर्थन प्राप्‍त था, मगर वे चुनाव हार गए। 1988 में जेठमलानी राज्‍यसभा के सदस्‍य बने।1996 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वे कानून, न्‍याय और कंपनी कार्य राज्‍यमंत्री बने। 1998 में अटल बिहारी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जेठमलानी शहरी कार्य और रोजगार के कैबिनेट मंत्री बने हालांकि इसके कुछ दिनों बाद ही वे फिर से कानून, न्‍याय और कंपनी कार्यमंत्री बने।

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भाजपा ने जेठमलानी को 6 सालों के लिए पार्टी से निकाल दिया था..

भाजपा ने जेठमलानी को 6 सालों के लिए पार्टी से निकाल दिया था..

उस समय अटल बिहारी ने भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश आदर्श सेन आनंद और भारत के अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी से मतभेद ज्‍यादा होने के कारण जेठमलानी से इस्‍तीफा मांग लिया। इसके बाद साल 2004 में उन्होंने लखनऊ संसदीय सीट से अटल बिहारी वाजयेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा, मगर वे हार गए।

जेटली के खिलाफ केजरीवाल का केस लड़ा था जेठमलानी ने

भाजपा ने 2010 में राजस्‍थान से जेठमलानी को राज्‍यसभा के लिए टिकट दिया, जहां से वे जीत गए। उनकी बेबाक टिप्पणी की वजह से भाजपा में उन्हें लेकर कलह शुरू हो गया जिसके बाद मई 2013 में भाजपा ने उन्‍हें पार्टी के खिलाफ जाकर बयान देने के कारण 6 सालों के लिए पार्टी से निकाल दिया। भाजपा से अनबन के बाद उन्होंने अरुण जेटली के खिलाफ अरविंद केजरीवाल का केस लड़ा तो पिछले दिनों यह खबर आई कि राज्य सभा उपसभापति चुनाव के दौरान आरजेडी के टिकट पर सांसद होने के बावजूद उन्होंने क्रॉस वोटिंग करके एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया।

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English summary
Eminent lawyer and former Union law minister Ram Jethmalani passed away early on Sunday morning. He was 95.Know his Fees.
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