दिग्गज पत्रकार Mark Tully ने भारतीय मुसलमानों के लिए कही बड़ी बात....मुस्लिम देशों में भी ये न मिलता
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नई दिल्ली- दिग्गज पत्रकार मार्क टुली ने भारतीय मुसलमानों को मुस्लिम देशों के मुसलमानों से कहीं ज्यादा भाग्यशाली बताया है। टुली के मुताबिक यह भारत ही है, जहां मुसलमान किसी भी इस्लामिक परंपरा के मुताबिक उपासना कर सकते हैं। टुली ने कहा है कि भारत की सहिष्णुता की भावना ही उसकी ताकत है, जिससे अलग-अलग धर्मों के लिए साथ-साथ मिलजुल कर रहने का सद्भावपूर्ण माहौल बन पाता है। टुली की ये बातें इक्वेटर लाइन पत्रिका के ताजा अंक में छपी हैं, जिसका शीर्षक है 'होम एंड दि वर्ल्ड'। टुली के मुताबिक भारत अनोखा है और यह सभी धर्मों का घर है। उन्होंने कहा है कि भारत में आध्यात्मिकता है। भारतीय मुसलमानों को भाग्यशाली बताते हुए उन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके का एक उदाहरण भी पेश किया है।
'भाग्यशाली हैं भारतीय मुसलमान'
जानेमाने पत्रकार मार्क टुली के मुताबिक इस्लामिक देशों के मुकाबले भारत के मुसलमान 'ज्यादा भाग्यशाली' हैं, क्योंकि यहां उन्हें किसी भी मुस्लिम परंपरा के अनुसार उपासना करने की आजादी है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा है कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में जहां वे रहते हैं, वहां तब्लीगी जमात का मुख्यालय है और वे बहुत ही 'सख्त और रूढ़िवादी' हैं। उनके बिल्कुल पास में ही सूफी परंपरा का केंद्र है, जहां लोग निजामुद्दीन औलिया के मकबरे में इबादत करते हैं और कव्वालियां गाते हैं। इक्वेटर लाइन पत्रिका के ताजा अंक में टुली के हवाले से लिखा गया है कि, 'भारत की सहिष्णुता की भावना उसकी ताकत है, जिससे अलग-अलग धर्मों के लिए एकसाथ मिलजुल कर रहने का सद्भावपूर्ण माहौल बन पाता है।' 'होम एंड दि वर्ल्ड' शीर्षक से छपे इस अंक में टुली के हवाले से कहा गया है कि भारत 'अनोखा है और ये सभी धर्मों का घर है।' उनके अनुसार , 'भारत में आध्यात्मिकता है। अब तक इन धर्मों के बीच में विविधता है। मुस्लिम देशों के मुसलमानों की तुलना में भारत के मुसलमान अधिक भाग्यशाली हैं, क्योंकि भारत में वे किसी भी मुस्लिम परंपरा में उपासना कर सकते हैं।'
पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित हैं
इस अंक में ब्रिटेन के टिम ग्रांडेज का भी एक लेख है, जो 32 साल पहले एक बैंक अधिकारी के रूप में कोलकाता आए थे। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर झुग्गी-बस्तियों के बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने एक धर्मार्थ संस्था 'फ्यूचर होप' भी बनाई। ग्रांडेज ने लिखा है कि उन्होंने इन बच्चों से बहुत कुछ सीखा, जैसे 'विश्वास, देखभाल, अवसर, प्रतिबद्धता और सहिष्णुता का मूल्य, दूसरों से बात करना और उनकी सुनना भी, एक गिलास को आधा भरा हुआ देखना, न कि आधा खाली।' मार्क टुली पद्म भूषण से सम्मानित हैं और दो दशकों तक बीबीसी दिल्ली के ब्यूरो प्रमुख रह चुके हैं।
धर्मनिरपेक्षता पर भी राय रख चुके हैं
बता दें है कि कुछ दिनों पहले ही में मार्क टुली ने कांग्रेस की ‘धर्मनिरपेक्षता' पर सवाल उठाते हुए हिन्दुओं की उपेक्षा के लिए उसकी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय संदर्भों में धर्मनिरपेक्षता उपयुक्त शब्द नहीं है। धर्मनिरपेक्षता में सभी धर्मों के प्रति शत्रुता का भाव है या फिर उदासीनता का। भारतीय न तो धर्म के प्रति शत्रुता रखते हैं और न ही उदासीन हैं। उन्होंने हिन्दू धर्म के संदर्भ में कहा था कि यह धर्म सहिष्णु होने और अन्य धर्म का स्वागत करने पर गर्व करता है, जो कि भारत के इतिहास पर गर्व करने वाली बात है।