बेहमई हत्याकांड में 39 साल बाद आ सकता है फैसला, फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ 20 लोगों की हत्या की थी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बेहमई गांव में 39 साल पहले हुए हत्याकांड में कोर्ट शनिवार को फैसला सुना सकता है। मामले में पहले 6 जनवरी को फैसला आना था लेकिन बचाव पक्ष ने कोर्ट से दलीलें पेश करने के लिए समय मांगा था। कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाले बेहमई गांव में 14 फरवरी, 1981 को फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 26 लोगों पर गोलियां बरसा दी थीं। जिनमें से 20 की मौत हो गई। मामले की मुख्य आरोपी फूलन देवी की हत्या हो चुकी है।
28 में से 17 आरोपियों की मौत हो गई है
अब 18 जनवरी यानी आज एक बार फिर मामले की सुनवाई होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि लंबे समय से चले आ रहे इस मामले में आज फैसला आ सकता है। मामले में 28 आरोपियों के नाम थे जिनमें से 17 की मौत हो गई है। वहीं पांच में से चार चश्मदीद गवाहों की भी मौत हो गई है। ये आरोप है कि फूलन देवी ने अपने साथ हुए गैंगरेप का बदला लेने के लिए अपने गैंग के साथ मिलकर इन लोगों को मार डाला। फूलन का गांव बेहमई से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। उस समय इस इलाके में डकैतों का आतंक चलता था।
मारे गए लोगों में 17 ठाकुर
मारे गए लोगों में 17 ठाकुर थे। घटना के दो साल बाद तक फूलन देवी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई लेकिन 1983 में उन्होंने खुद ही आत्मसमर्पण कर दिया। 1993 में फूलन देवी जेल से बाहर आईं। इसके बाद मिर्जापुर लोकसभा सीट से दो बार सपा के टिकट पर सांसद बनीं। 2001 में शेर सिंह राणा ने उनकी दिल्ली में हत्या कर दी थी। जिसके बाद फूलन देवी का नाम केस से हटा दिया गया था।
पांच के खिलाफ तय हुए थे आरोप
ट्रायर की प्रक्रिया के तहत सभी आरोपियों का इकट्ठा रहना जरूरी है ताकि आरोप तय हो सकें। लेकिन इस मामले में कभी कोई आरोपी गायब रहता तो कभी बीमार। तो कभी किसी की मौत की खबर आती। कई आरोपी तो ऐसे भी रहे, जिनके बारे में जानकारी तो मिली, लेकिन वो फरार हो गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पांच आरोपियों भीखा, पोसे, विश्वनाथ, श्याम बाबू और राम सिंह के खिलाफ अगस्त 2012 में आरोप तय हुए थे। तब तक 33 साल बीत चुके थे और गवाहों को लाना भी मुश्किल हो गया था। 3 फरवरी 2019 को जिला जेल में राम सिंह की मौत हो गई। पोसे जेल में है, जबकि तीन अन्य जमानत पर हैं।
दिल्ली पुलिस को LG ने दिया विशेष अधिकार, अब किसी को भी ले सकते हैं हिरासत में