जीएसटी बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान वीरप्पा मोइली बोले, राज्यसभा के सभी सदस्य दे दें इस्तीफा
वीरप्पा मोइली ने कहा- मैं इसे गेम चेंजर नहीं कह सकता, यह सिर्फ एक छोटा सा कदम है। उन्होंने केंद्र सरकार पर उच्च सदन को दरकिनार करने का आरोप लगाया।
नई दिल्ली। बुधवार को लोकसभा में जीएसटी बिल पर बहस हुई। इस बहस के दौरान कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि अगर राज्यसभा के सदस्यों में थोड़ा भी आत्म सम्मान बचा है तो सभी सदस्यों को इस्तीफा दे देना चाहिए। मोइली ने बिलों में मौजूद उन कमियों की ओर ध्यान आकर्षित किया जिन्हें पार्टी के मुताबिक दूर किया जाना चाहिए।
वीरप्पा मोइली ने कहा- मैं इसे गेम चेंजर नहीं कह सकता... सिर्फ एक छोटा सा कदम कहूंगा...। उन्होंने मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि उच्च सदन राज्य सभा को दरकिनार किया गया है। मोइली ने कड़े शब्दों में कहा- राज्यसभा देश के राज्यों की परिषद है, लेकिन उसके पास अहम बिलों पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है... यह संघीय व्यवस्था पर हमला है... इसलिए मेरा कहना है कि राज्यसभा के सभी सदस्यों को इस्तीफा दे देना चाहिए। ये भी पढ़ें- सपा सरकार के पांच साल में यूपी के 407 IPS अधिकारियों का 2454 बार ट्रांसफर
मोइली बोले कि भाजपा ने जीएसटी को लागू करने में देर कर के देश को करीब 10 लाख करोड़ रुपए का चूना लगाया है। वह बोले यूपीए सरकार इसे 2010 में लागू करना चाहती थी। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी को 6 साल बाद लागू किया जा रहा है तो इस दौरान हुए नुकसान की जिम्मेदारी किसकी है? जीएसटी लागू न होने से सरकार को हर साल 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ये भी पढ़ें- आरएसएस मुखिया मोहन भागवत बोले-राष्ट्रपति की रेस में नहीं, संघ के लिए काम करता रहूंगा
आपको बता दें कि यूपीए सरकार ने अप्रैल 2010 में जीएसटी को लागू करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन विपक्ष के विरोध की वजह से जीएसटी बिल पास नहीं हो सका था। इसके बाद अप्रैल 2011 में इसे लागू करना चाहा, लेकिन विपक्ष ने इसे लागू नहीं होने दिया था