काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड का फैसला 24 घंटे में पलटा, यूपी सरकार के मंत्री ने दी सफाई
लखनऊ। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू होने की खबरें सोमवार को सामने आई थी। अब वाराणसी के डिविजनल कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इन खबरों का खंडन किया है। सोमवार को मीडिया में खबरें आईं थी कि, पुरुष धोती कुर्ता और महिलाएं साड़ी पहनकर ही गर्भ गृह में स्पर्श दर्शन कर सकेंगी। जींस, पैंट, शर्ट, सूट, टाई कोट पहने हुए श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में सिर्फ दर्शन की व्यवस्था होगी। उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
24 घंटे के अंदर ही पलटा फैसला
अब काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला 24 घंटे के अंदर ही पलट दिया गया है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ट्वीट कर स्पष्ट किया है कि ऐसा प्रस्ताव-सुझाव आया था, लेकिन इसपर अभी निर्णय नहीं हुआ है। बता दें कि, मंत्री ने यह बयान मीडिया में आई उन खबरों पर दिया है, जिसमें कहा गया था कि उज्जैन के महाकाल मंदिर की तरह काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भी ड्रेस कोड लागू कर दिया है।
इस खबर के सामने आने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया
इस खबर के सामने आने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया था। वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने वीडियो जारी कर ड्रेस कोड लागू करने की खबर को न सिर्फ असत्य, बल्कि इसे अफवाह तक बता दिया। काशी विधान परिषद के कुछ सदस्यों द्वारा एक मौखिक सुझाव दिया गया था, इस पर चर्चा की गई थी लेकिन हमें कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। मैं इस मामले पर ऐसी सभी रिपोर्टों का खंडन करता हूं।
काशी डीसी ने जारी किया सफाई का वीडियो
काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन की व्यवस्था को लेकर मंदिर प्रशासन की काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों के साथ रविवार शाम कमिश्नरी सभागार में बैठक हुई थी। बैठक में विद्वानों ने स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू कर पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी अनिवार्य करने को कहा था।बता इस पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड के अनुसार ही स्पर्श दर्शन कराने की बात साफ तौर पर कही थी। इस खबर की बाकायदा विश्वनाथ मंदिर के पीआरओ और सूचना विभाग की ओर से अखबारों को विज्ञप्ति तक जारी की गई।
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