क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Study: वैक्सीनेशन के 6 महीने के बाद 30 फीसदी लोगों ने खो दी कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता

कोविड वैक्सीनेशन के 6 महीने के बाद 30 फीसदी लोगों ने खो दी कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली, 19 जनवरी। कोरोना के देश भर में लगातार केस बढ़ रहे हैं वहीं कोविड की तीसरी लहर में ये सवाल लगातार उठ रहा है कि कोरोना वैक्‍सीन कितने समय तक प्रभावी है। वहीं अब वैक्सीन इम्युनिटी स्टडी में पाया गया कि 6 महीने के बाद 30% लोगों ने कोविड के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता खो दी।

covid

स्‍टडी में हुआ ये खुलासा
हैदराबाद के एआईजी अस्पताल और एशियन हेल्थकेयर फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण के 6 महीने बाद 30% व्यक्तियों में protective immunity स्तर से नीचे एंटीबॉडी का स्तर था। एशियन हेल्थकेयर फाउंडेशन के साथ एआईजी अस्पतालों ने एक और महत्वपूर्ण शोध के परिणाम प्रकाशित किए हैं जिसमें एंटीबॉडी स्तरों के संबंध में वैक्सीन प्रतिरक्षा के लंबे समय तक रहने का आंकलन किया गया था।

कोविड वैक्‍सीन की लग चुकी थी दोनों डोज

अध्ययन में पाया गया कि लगभग 30% व्यक्तियों में 6 महीने के बाद एंटीबॉडी का स्तर 100 एयू / एमएल के protective immunity स्तर से नीचे था। अध्ययन 1,636 स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया जिन्हें कोरोना वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी थी।

इस उद्देश्‍य से की गई ये स्‍टडी

एआईजी अस्पताल के अध्यक्ष डॉ डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा अध्ययन का उद्देश्य लंबी अवधि में मौजूदा टीकों की प्रभावशीलता को समझना और यह देखना है कि क्या कोई विशिष्ट जनसंख्या है जिसे जल्द से जल्द बूस्टर की आवश्यकता है। अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं ने 1,636 व्यक्तियों में IgG एंटी-S1 और IgG एंटी-S2 एंटीबॉडी को कोविड 19 से मापा।

ऐसे किया जाता है आंकलन

डॉ रेड्डी ने समझाया जिनमें एंटीबॉडी का स्तर 15 एयू / एमएल से कम था, उन्हें एंटीबॉडी निगेटिव माना जाता था, जिसका अर्थ है कि उन्होंने वायरस के खिलाफ कोई इम्‍युनिटी पॉवर विकसित नहीं किया था। अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 100 एयू/एमएल का एंटीबॉडी स्तर वायरस से सुरक्षा के लिए न्यूनतम स्तर है। डॉ रेड्डी ने बताया 100 एयू / एमएल एंटीबॉडी स्तर से कम वाले किसी भी व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा होता है।

जानें कौन सी लगी थी वैक्‍सीन

1,636 अध्ययन में शामिल लोगों में से 93% को कोविडशील्‍ड वैक्‍सीन लगी थी वहीं 6.2% ने कोवाक्सिन लगी थी और 1% से कम ने स्पुतनिक टीके लगे थे। ये व्यक्ति उच्च रक्तचाप और शुगर जैसी बीमारियों से ग्रसित थी जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक थी। कुल में से, 6% ने कोई प्रतिरक्षा सुरक्षा विकसित नहीं की।

शुगर और हाईब्लडप्रेशर के मरीजों में दिखा ये असर, दी गई बूस्‍टर डोज लगवाने की सलाह

स्टडी में पाया गया वृद्ध लोगों की तुलना में युवा लोगों में अधिक निरंतर एंटीबॉडी स्तर होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियों से ग्रसित 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पूरी तरह से टीकाकरण के 6 महीने बाद एंटीबॉडी प्रतिक्रिया काफी कम होती है। अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को मधुमेह और उच्च रक्तचाप से कोविड 19 संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है और इन व्यक्तियों को 6 महीने के बाद बूस्टर खुराक के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नागेश्वर रेड्डी ने बताया रोकथाम खुराक के लिए 9 महीने का अंतर 70 फीसदी आबादी को लाभान्वित करता है जो 6 महीने से अधिक एंटीबॉडी स्तर को बनाए रख सकते हैं।

ICMR के वैज्ञानिक का दावा, 11 मार्च तक अपने अंत की ओर बढ़ना शुरू होगी कोरोना महामारीICMR के वैज्ञानिक का दावा, 11 मार्च तक अपने अंत की ओर बढ़ना शुरू होगी कोरोना महामारी

Comments
English summary
Vaccine immunity study, After 6 months of covid vaccine, 30 percent people lost immunity
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X