भारत के लिए ऐतिहासिक दिन, पीएम मोदी ने की कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरूआत
Coronavirus Vaccination Start: पिछले साल फरवरी में कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दी थी। जिसके बाद मार्च में ये पूरे देश में फैलना शुरू हो गया। जिस वजह से सभी को लंबे वक्त तक पाबंदियों के साथ जिंदगी गुजारनी पड़ी। इस बीच नया साल नई उम्मीद लेकर आया, जहां ड्रग कंट्रोरल जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी दे दी। आज कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक दिन आया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस अभियान की शुरूआत की। टीकाकरण अभियान के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था। अब वैक्सीन आ गई है, ये हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। उन्होंने इस ऐतिहासिक मौके पर राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियों को दोहराते हुए कहा- "मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर पानी बन जाता है"।
कोरोना वायरस का टीका आने के बाद लोग उत्सुकता में गलती ना करें, इसके लिए भी पीएम मोदी ने चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि मैं ये बात फिर से याद दिलाना चाहता हूं कि जब तक टीके की दो डोज नहीं लगेगी तब तक ये काम नहीं करेगा। ऐसा ना हो कि एक डोज लेने के बाद आप दूसरी लेना भूल जाएं। दोनों डोज के बीच एक महीने का अंतर होना जरूरी है। जब दोनों डोज शरीर में जाएगी तो दो हफ्ते बाद कोरोना के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी बनेगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद भी सभी मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
पीएम मोदी ने की कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत, पढ़ें उनके संबोधन की बड़ी बातें
किसे
मिली
पहली
डोज?
वैक्सीन
की
मंजूरी
के
दौरान
ही
भारत
सरकार
ने
साफ
कर
दिया
था
कि
सबसे
पहले
स्वास्थ्यकर्मियों
को
टीका
लगाया
जाएगा।
शनिवार
को
जैसे
ही
पीएम
मोदी
ने
वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग
के
जरिए
कोरोना
टीकाकरण
अभियान
की
शुरूआत
की,
वैसे
ही
दिल्ली
एम्स
के
सफाईकर्मी
को
वैक्सीन
की
पहली
डोज
दी
गई।
इस
दौरान
स्वास्थ्य
मंत्री
डॉ.
हर्षवर्धन
(Harsh
Vardhan)
और
एम्स
डायरेक्टर
रणदीप
गुलेरिया
मौजूद
रहे।
स्वास्थ्यकर्मी
के
बाद
डॉ.
गुलेरिया
ने
भी
वैक्सीन
की
पहली
डोज
ली।