Covid-19: बढ़ने की बजाए कम हुई वैक्सीनेशन की रफ्तार, इस वजह से लोग नहीं जा रहे टीका केंद्र
नई दिल्ली, 04 मई। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देशभर में टीकाकरण अभियान जारी है। एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोविड की वैक्सीन दी जा रही है। इस बीच कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के चलते वैक्सीनेशन की तफ्तार में कमी आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 3 से 9 अप्रैल के बीच भारत की टीकाकरण दर 2.48 करोड़ खुराक के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। यह रफ्तार भारत में हाहाकार मचाने वाली कोरोना की दूसरी लहर से भी तेज है। हालांकि कई राज्य में सख्त प्रतिबंधों के चलते वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ने की बजाए तेजी से गिर गई है।
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण की रफ्तार में आई कमी से केंद्र सरकार भी चिंतत है। 23 अप्रैल को 11 मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में पीएम मोदी ने भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि टीकाकरण कार्यक्रम धीमा नहीं होना चाहिए हालांकि हुआ इसके ठीक विपरीत। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 10-16 अप्रैल के बीच देशभर में 2.07 करोड़ टीकाकरण किया गया वहीं, 17-23 अप्रैल के मध्य 1.7 करोड़ और अप्रैल 24- 30 सप्ताह में 1.48 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में हुए टीकाकरण से पता चलता है कि महीने के पहले सप्ताह के मुकाबले 40 प्रतिशत कम वैक्सीनेशन किया गया।
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मई के पहले तीन दिनों में लगभग 35 लाख टीकाकरण किए गए हैं और मंगलवार को 15 लाख से थोड़ा अधिक की उम्मीद है। इस सप्ताह के पहले चार दिनों में संख्या को 50 लाख से अधिक तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया था। इसका मतलब यह हो सकता है कि टीकाकरण संख्या मई के पहले सप्ताह (1-7 तारीख) तक गिर सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि लोग अपने घरों से टीकाकरण के लिए बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। टीकाकरण स्थलों पर देखी गई कतारों के साथ, लोगों को लगता है कि अगर वे इन केंद्रों पर भीड़ में शामिल होते हैं तो कोरोना वायरस की चपेट में आ जाएंगे। कई राज्यों ने निर्देश दिया है कि टीकाकरण के लिए जाने वाले लोगों को लॉकडाउन के दौरान रोका नहीं जाना चाहिए, लेकिन संदेश को अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। हालांकि अधिकारी ने वैक्सीन की कमी को खारिज करते हुए कहा कि डोज की कोई कमी नहीं है।