कोरोना से रिकवर हुए व्यक्ति 3 महीने बाद लगवा सकते हैं वैक्सीन, IMA ने कहा 6 माह का इंतजार बढ़ा सकता है खतरा
नई दिल्ली, 20 मई: कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय कोरोना वैक्सीन है। देश भर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। वहीं कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिए बार-बार सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्हें कितने महीने के अंदर कोरोना वैक्सीन लगवा लेना चाहिए? हालांकि केंद्र ने मंगलवार को इसको लेकर स्थिति स्पष्ठ कर दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के तीन महीने बाद कोरोनावायरस का टीका लगाया जा सकता है। इसके अलावा वैक्सीन की पहली डोज के बाद कोरोना पॉजिटिव हुए व्यक्ति को कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक भी तीन महीने बाद ही लेनी चाहिए।
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बता दें अभी तक ऐसी स्थितियों में वैक्सीन लेने के लिए कोई फिक्स गैप नहीं था। व्यक्तिगत चिकित्सकों ने रोगी की स्थिति के आधार पर दो या चार सप्ताह के अंतराल पर वैक्सीन लगाने की सिफारिश की थी। वहीं कुछ दिनों पहले, दिल्ली के अल-इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रमुख और केंद्र के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ रणदीप गुलेरिया ने एक प्रेस कान्फ्रेंस करके ऐसे मामलों में चार सप्ताह के अंतराल का सुझाव दिया था। ये नए नियम NEGVAC की सिफारिशों का हिस्सा हैं - COVID-19 के लिए वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह, NITI Aayog के सदस्य डॉ वीके पॉल के नेतृत्व में बनाए गए इस नियम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है।
आईएमए अध्यक्ष ने कहा छह महीने का इंतजार से बढ़ सकता है खतरा
बता दें सरकारी पैनल द्वारा सिफारिश की गई थी कि जो लोग COVID-19 के लिए कोरोना पॉजिटिव टेस्ट में आते हैं, उन्हें ठीक होने के बाद छह से नौ महीने तक टीकाकरण नहीं कराना चाहिए। इसको लेकर 20 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा कि ठीक हो चुके कोविड 19 रोगियों को टीकाकरण के लिए छह महीने तक इंतजार करने से दोबारा संक्रमण की संभावना के कारण उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है। यह बयान एक सरकारी पैनल द्वारा सिफारिश किए जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने दिया। बता दें सरकारी पैनल द्वारा सिफारिश की गई थी कि जो लोग COVID-19 के लिए कोरोपा पॉजिटिव टेस्ट में आते हैं, उन्हें ठीक होने के बाद छह से नौ महीने तक टीकाकरण नहीं कराना चाहिए।
देश
में
सभी
को
जल्द
से
जल्द
टीका
लगाया
जाए
आईएमए
प्रमुख
ने
कहा
इस
बात
को
लेकर
संघर्ष
है
कि
COVID
से
उबरने
वाले
लोगों
को
कब
टीका
लगवाना
चाहिए।
उन्हें
छह
महीने
तक
इंतजार
कराना
उनके
लिए
खतरा
है,
जिससे
वे
वायरस
के
संपर्क
में
आ
जाएंगे।उन्होंने
सलाह
दी
कि
सरकार
को
इस
पर
वैज्ञानिक
प्रमाणों
के
साथ
पुनर्विचार
करना
चाहिए
और
इस
उद्देश्य
के
साथ
सामने
आना
चाहिए
कि
इस
देश
में
सभी
को
जल्द
से
जल्द
टीका
लगाया
जाए।
ताकि
हम
निकट
भविष्य
में
एक
कोरोना
मुक्त
भारत
बना
सकें।
आईएमए
प्रमुख
ने
लोगों
को
संक्रमण
की
संभावित
तीसरी
लहर
से
बचाने
के
लिए
टीकाकरण
अभियान
को
तेज
करने
का
भी
आह्वान
किया।
नई
टीम
ने
स्तनपान
कराने
वाली
महिलाओं
के
लिए
वैक्सीन
की
सिफारिश
की
है
नए
विशेषज्ञ
समूह
ने
स्तनपान
कराने
वाली
महिलाओं
के
लिए
टीकाकरण
की
भी
सिफारिश
की
है।
सरकार
द्वारा
कोविशील्ड
वैक्सीन
की
दो
खुराक
के
बीच
के
अंतर
को
छह
से
आठ
सप्ताह
से
बढ़ाकर
12
से
16
सप्ताह
करने
के
बाद
एक
सप्ताह
से
भी
कम
समय
में
बदलाव
आया
है।
दावा
किया
जा
रहा
है
कि
इसने
वैक्सीन
की
प्रभावकारिता
को
बढ़ा
दिया
है।
सरकार
अपने
बयान
में
कहा
उपलब्ध
सबूतों
के
आधार
पर
यूनाइटेड
किंगडम
से,
COVID-19
वर्किंग
ग्रुप
कोविशील्ड
की
दो
खुराक
के
बीच
डोज
के
अंतराल
को
12-16
सप्ताह
तक
बढ़ाने
पर
सहमत
हुआ
है।
कोवैक्सिन
के
लिए
अंतराल
में
कोई
बदलाव
की
सिफारिश
नहीं
की
गई
थी"।