उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत, देवस्थानम एक्ट पर सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज
नई दिल्ली। चारधाम श्राइन बोर्ड (चारधाम देवस्थानम एक्ट) मामले में उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने राज्यसभा सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को झटका देते हुए अधिनियम को संवैधानिक करार दिया है। हाईकोर्ट ने बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री, यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन करने के लिए देवस्थानम बोर्ड के गठन के लिए बनाए गए कानून को सही बताया है।
इस कानून का तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी शुरू से विरोध कर रहे थे। उनके पक्ष में सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि 6 जुलाई को चारधाम देवस्थानम एक्ट पर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी और हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने 29 जून से इस मामले में फ़ाइनल हियरिंग शुरू की थी। पहले सरकार ने अपना पक्ष रखा, फिर इस मामले में सरकार के समर्थन में आई रुलेक संस्था ने अपना पक्ष रखा और फिर इस कानून को चुनौती देने वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने तर्क पेश किए।
जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि एक्ट बिल्कुल भी असांविधानिक नहीं है और न ही इससे संविधान के अनुछेद 25, 26 और 32 का उल्लंघन होता है। राज्य सरकार ने एक्ट को बड़ी पारदर्शिता से बनाया है। मंदिर में चढ़ने वाला चढ़ावे का पूरा रिकार्ड रखा जा रहा है, इसलिए यह याचिका निराधार है और इसे निरस्त किया जाए।