उत्तराखंड सरकार की नई पहल, ऐसे कर रही है महिला किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर
नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार की HavePure Naturally Yours योजना महिला किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला रही है। ये उत्तराखंड फॉरेस्ट रिसॉर्स मैनेजमेंट प्रोजेक्ट क तहत चल रही है। इसमें महिलाओं को उनके कृषि उत्पादों के लिए नए बाजार मिल रहे हैं। जिनसे उनको अच्छी खासी आमदनी हो रही है।
इस योजना से लाभान्वित हुईं रेखा देवी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उत्तराखंड के बागेश्वर में सरयू नदी की घाटी में उनके हरे-भरे खेतों में उत्पादित लाल चावल 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक मिल सकता है। रेखा शुरू में अपनी रूटीन खेती को लेकर इतनी उत्साहित नहीं थीं। लेकिन अब यही फसल जो 850 वन पंचायतों में महिला किसानों उत्पादित, संसाधित कर रही हैं। देश भर में बढ़ती मांग के साथ एक 'सुपरफूड' बन गई है।
उत्तराखंड सरकार की इस परियोजना का उद्देश्य महिला किसानों की मदद करना, उन्हें सशक्त और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह पहल पहाड़ी समाज की भलाई के लिए देशी अनाज, दालों, अनाज, बाजरा और अन्य प्राकृतिक उपज को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित है। इस योजना को जापान की सरकार भी मदद कर रही है। यह योजना वर्तमान समय में लगभग 15,000 महिलाओं को शामिल करते हुए 1,500 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को समग्र और अभिन्न सहायता प्रदान कर रही है।
नीतू लक्ष्मी एम, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर नीतू लक्ष्मी कहती हैं कि इनमें से कई उत्पाद बहुत फायदेमंद और आहार के लिहाज से बहुत खास हैं। इस योजना की वजह महिला किसानों को सरकार द्वारा अनाज, अनाज या बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में 5-10% अधिक मूल्य मिलता है। कोयलियाल गांव वन पंचायत की सुशीला देवी कहती हैं कि मुझे कभी नहीं पता था कि मैं अपने जीवन में कुछ अच्छा कर पाऊंगी लेकिन जिस तरह से तकनीक के साथ खेती मैं अब कर रही हूं यह लगभग मेरे पुनर्जन्म जैसा लगता है।
प्रोजेक्ट हेड एसएम जोशी कहते हैं कि हम मूल रूप से उच्च पोषण और औषधीय मूल्य के साथ खेती के पारंपरिक तरीकों, मूल उपज और फसलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हम तकनीकी मदद, प्रशिक्षण, उत्पादन, कटाई के बाद की मदद, प्रसंस्करण और विपणन के संबंध में जानकारी देते हैं। इसके रिजल्ट अच्छे रहे हैं।
इस योजना के तहत उगाए जा रहे कुछ उत्पाद, जिनमें सरयू का लाल चावल, मुनस्यारी राजमा, पीली मिर्च पाउडर, गरम, भांग, जीरा जाखिया, मंडवा का आटा, झंगुरा चावल, लधिया घाटी से अखरोट, काला सोयाबीन ऐसे हैं, जिनकी काफी ज्यादा डिमांड है।
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