योगी सरकार स्वयं सहायता समूहों की मदद से बदल रही गरीब महिलाओं की जिंदगी, बना रही आत्मनिर्भर
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के समय में उत्तर प्रदेश में हजारों गरीब परिवारों को योगी सरकार स्वयं सहायता समूहों ( एसएचजी) के जरिए मदद पहुंचा रही है। प्रदेश में 3,71,777 स्वयं सहायता समूह बना कर योगी सरकार ने हजारों महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। भारत सरकार के दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत राज्य सरकार ने प्रदेश के खास तौर से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आत्म निर्भर बनाने के लिए राज्य आजीविका मिशन के तहत प्रदेश भर में बड़ा अभियान शुरू किया है।
योगी सरकार ने गरीब महिलाओं के स्वरोजगार और आर्थिक विकास से जुड़े इस अभियान के तहत प्रदेश भर में 592 विकास खंडों के माध्यम से रिकार्ड 3,71,777 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है। इन समूहों को 15,945 ग्राम संगठनों एवं 775 संकुल स्तरीय संघों से जोड़ा गया है। मिशन के तहत 2,41,732 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड 1,41,709 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि और 1,16,133 स्वयं सहायता समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा जा चुका है।
इन समूहों के जरिये जहां योगी सरकार एक तरफ गरीब महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने का कार्य कर रही है वहीं इनके जरिये प्रदेश में स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं से जुड़ी चीजों की आपूर्ति भी सुनिश्चित कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक खादी विभाग से कपड़े लेकर 19,275 सहायता समूह की सदस्यों ने 94.19 लाख मास्क और 1,223 सदस्यों द्वारा 50,591 पीपीई किट तैयार करने के साथ ही 470 समूहों द्वारा 13,075 लीटर सेनेटाइजर बनाने का देश में कीर्तिमान स्थापित किया है।
इन समूहों ने कोटेदारों को 78,489 मास्क उपलब्ध कराये हैं। समूह ने प्रदेश भर में 793 कम्युनिटी किचेन संचालित कर 31,363 पैकेट भोजन तैयार कर गरीबों के मददगार बने। समूह की महिलाओं ने ग्राम स्तर पर गरीब परिवारों को 31,461 फूड पैकेट्स खाद्यन्न उपलब्ध कराया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में चल रहे इन समूहों के जरिए दूसरे राज्यों से वापस लौटने वाले करीब 40 लाख श्रमिकों में से कइयों को रोजगार से जोड़ा गया है। पंचायती राज राहत आयुक्त के डाटा के अनुसार 11,96,470 प्रवासी श्रमिकों में से 4,50,465 श्रमिकों की मैपिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है। इनमें से 1,82,780 स्किल्ड श्रमिकों को उनके स्किल के मुताबिक रोजगार दिया गया है। इनमें से 29,552 प्रवासी परिवारों की महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 31,938 पात्र स्वयं सहायता समूहों को 218.48 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री की ओर से जारी किए जा चुके हैं।