क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

उत्तर प्रदेश: बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन क्यों गायब रहे पौने दो लाख छात्र

उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व इंतेज़ाम के बीच दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हुई हैं.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
उत्तर प्रदेश, परीक्षा
SANJAY KANOJIA/AFP/Getty Images
उत्तर प्रदेश, परीक्षा

अभूतपूर्व इंतेज़ाम के बीच मंगलवार से शुरू हुई उत्तर प्रदेश माध्यमिक बोर्ड परीक्षा के पहले दिन एक लाख अस्सी हज़ार छात्र परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे.

इसकी वजह परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए किए गए अभूतपूर्व सरकारी इंतेज़ामों को माना जा रहा है. परीक्षा केंद्रों के बाहर पुलिस बल तैनात हैं.

छात्रों की बेहद सख़्ती से सघन जांच की जा रही है और परीक्षा कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिनकी निगरानी की जा रही है.

यूपी बोर्ड के शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा से जब हमने बात की तब वो उपमुख्यमंत्री और राज्य के शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसर दिनेश शर्मा के साथ परीक्षा केंद्र के दौरे पर थे.

शर्मा कहते हैं, "इस बार बोर्ड का पूरा ध्यान किसी भी तरह से नकल को पूरी तरह रोकने पर है. हमने परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी लगाए हैं और नकल रोकने के लिए उड़न दस्ते परीक्षा केंद्रों पर छापे मार रहे हैं."

आईआईटी में समोसे बेचने वाले का बेटा

बिना ट्यूशन, किसान का बेटा यूपी में अव्वल.

उत्तर प्रदेश, परीक्षा
SANJAY KANOJIA/AFP/Getty Images
उत्तर प्रदेश, परीक्षा

दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड

शर्मा कहते हैं, "मैं अभी उपमुख्यमंत्री के साथ एक परीक्षा केंद्र के दौरे पर हूं. हमारे प्रयास कामयाब हो रहे हैं और परीक्षाएं बेहद सुरक्षित माहौल में हो रही हैं."

छात्रों की संख्या के लिहाज से यूपी बोर्ड दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं करवाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड है.

इस साल भी 66 लाख 33 हज़ार छात्रों ने परीक्षा फ़ार्म भरे हैं. लेकिन परीक्षा के पहले दिन एक लाख 80 हज़ार छात्र परीक्षा से नदारद रहे.

इस पर अवध नरेश शर्मा कहते हैं, "जिन छात्रों ने परीक्षा की तैयारी नहीं की थी वो ही ग़ायब रहे हैं. जिन्होंने तैयारी की है वो पेपर देने आ रहे हैं."

लेकिन ये संख्या बहुत ज़्यादा है और दर्शाती है कि एक बड़ी तादाद में बच्चे पढ़ाई जारी नहीं रख पाएंगे.

इस पर शर्मा कहते हैं, "जब स्कूलों में पढ़ाई होगी तो ये नौबत नहीं आएगी. जो बच्चा पढ़ेगा वो धड़ल्ले से परीक्षा देगा. पढ़ने वाले बच्चे परीक्षा देने के लिए उत्साहित रहते हैं. परीक्षाएं कड़ी करना शिक्षा व्यवस्था में सुधार की शुरुआत है."

तनाव दूर करने के लिए मोदी ने लिखी किताब

प्यार-परीक्षा-बेचैनी, कहीं आप शिकार तो नहीं?

सोलह छात्र नकल करते हुए पकड़े गए...

इस बार यूपी बोर्ड ने उन्हीं विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया है जो सीधे सड़क मार्गों से जुड़े हैं और जहां बाकी सभी इंतेज़ाम भी है.

अवध नरेश शर्मा कहते हैं, "इस बार परीक्षा केंद्रों के गेट पर ही सघन चेकिंग की जा रही है. परीक्षा लेने वाले सभी परीक्षकों के पहचान पत्र बनाए गए हैं. जिस विषय की परीक्षा है उसके शिक्षकों की ड्यूटी उस दिन नहीं लगाई गई है. निगरानी समितियां बनाई गई हैं जो परीक्षा केंद्र पर नज़र रख रही हैं."

इन बेहद सख़्त इंतेज़ामों की वजह से छात्र नकल नहीं कर पा रहे हैं. परीक्षा के पहले दिन पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ़ सोलह छात्र नकल करते हुए पकड़े गए.

दसवीं की परीक्षा देकर लौटे एक छात्र ने बताया, "स्कूल के बाहर ही गहन तलाशी ली गई. पेपर शुरू होने से पहले बताया गया कि आप सीसीटीवी की निगरानी में हैं."

छात्र ने बताया, "माहौल बेहद सख़्त था, परीक्षकों के पास डंडे भी थे. किसी को गर्दन भी नहीं हिलाने दी. जो बच्चे तैयारी से आए थे वो लिख रहे थे. जो नहीं आए थे वो परेशान थे और इधर-उधर देख रहे थे लेकिन नकल नहीं कर पा रहे थे."

स्कूलों में बेहद सख़्त इंतेज़ाम
Ravindra Tripathi/BBC
स्कूलों में बेहद सख़्त इंतेज़ाम

सख़्ती का असर

अवध नरेश शर्मा बताते हैं कि नकल की किसी भी गुंजाइश को ख़त्म करने के लिए परीक्षा की तैयारी सितंबर से ही शुरू कर दी गई थी.

परीक्षाओं में इस सख़्ती का असर बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों पर भी रहेगा.

अवध नरेश शर्मा इसे स्वीकार करते हुए कहते हैं, "सख्ती होगी तो वही बच्चा सफल होगा जिसने पढ़ाई की है. निश्चित रूप से इसका नतीजों पर असर होगा. हो सकता है कि पहली बार ये लगे कि रिज़ल्ट गिर गया है. लेकिन ये अच्छी शुरुआत है."

"बच्चों को जब अहसास हो जाएगा कि अब नकल नहीं होगी तो वो साल भर मेहनत से पढ़ेंगे और शिक्षक भी ध्यान से पढ़ाएंगे. ख़राब रिज़ल्ट का असर बच्चों के करियर पर भी पड़ेगा. ऐसे में वो और अधिक ज़िम्मेदार होंगे. व्यवस्था सकारात्मक रूप से बदल रही हैं."

उत्तर प्रदेश, परीक्षा
SANJAY KANOJIA/AFP/Getty Images
उत्तर प्रदेश, परीक्षा

मेरिट में मुकाबला

शर्मा ये भी कहते हैं कि जिन स्कूलों के नतीजें खराब रहे उनकी ज़िम्मेदारी तय की जाएगी और अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

वहीं एक ग्रामीण क्षेत्र में परीक्षा केंद्र के बाहर कई सालों से दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने बीबीसी से कहा, "पहले कभी इस तरह की सख़्ती नहीं होती थी. ये पहली बार है जब इतने सख़्त इंतज़ाम किए गए हैं."

वो कहते हैं, "ऐसा लग रहा है जैसे छात्रों के हाथ-पैर काट दिए गए हैं और धड़ तड़प रहा है. ये छात्रों के साथ एक तरह की नाइंसाफ़ी भी है. इतनी सख़्ती में परीक्षा देने वाले छात्र पिछली सरकारों के दौरान पास हुए छात्रों से मेरिट में मुकाबला कैसे कर पाएंगे?"

"पहले छात्र आसानी से 80 प्रतिशत नंबर लेकर पास हो गए, अब जो परीक्षा दे रहे हैं वो तो पास होने के लिए ही संघर्ष करते दिख रहे हैं."

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Uttar Pradesh Two lakh students absent on the first day of board exam
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X