क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नोटबंदी के दौर में पैसों के लिए नसबंदी करा रहे लोग

अलीगढ़ में रहने वाले पूरन शर्मा भी उन लोगों में से एक हैं, जो पैसों की किल्लत से परेशान होकर नसबंदी कराने पहुंच गए।

By Anujkumar Maurya
Google Oneindia News

आगरा। जहां एक ओर देश में नोटबंदी की घोषणा की जा चुकी है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में पैसों की जरूरत पूरी करने कि लिए लोग नसबंदी करा रहा हैं। आपको बता दें कि नसबंदी कराने पर पुरुष को सरकार की तरफ से 2000 रुपए और महिला को 1400 रुपए दिए जाते हैं।

medical

फिल्म अभिनेत्री ने कहा- रेप करने वाले को नपुंसक बना देना चाहिए

अलीगढ़ में रहने वाले पूरन शर्मा भी उन लोगों में से एक हैं, जो पैसों की किल्लत से परेशान होकर नसबंदी कराने पहुंच गए। उनकी पत्नी विकलांग है, इसलिए वह नसबंदी नहीं करा सकती हैं। पूरन शर्मा कहते हैं कि उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।

पिछले कुछ दिनों में टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा हासिल किए गए आंकड़ों के हिसाब से ऐसा लगता है कि यह पहला मामला नहीं है, जिसमें पैसे के लिए नसबंदी कराई गई है। दरअसल, आंकड़ों के मुताबिक इस महीने में अलीगढ़ और आगरा जिलों में नसबंदी करवाने वालों की संख्या काफी अधिक बढ़ गया है।

'मैंने चाहा नहीं उसके साथ जाऊं, ना जाने कैसे सब होता चला गया''मैंने चाहा नहीं उसके साथ जाऊं, ना जाने कैसे सब होता चला गया'

माना जा रहा है कि 9 नवंबर से नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही नसबंदी कराने के मामले में काफी तेजी आई है। अगर सिर्फ अलीगढ़ की बात करें तो पिछले साल नवंबर में 92 लोगों ने नसबंदी कराई थी, जबकि इस बार नवंबर में महीना खत्म होने से चार दिन पहले तक 176 लोग नसबंदी करा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर आगरा में पिछले साल नवंबर में 450 लोगों ने नसबंदी कराई थी, लेकिन इस बार नवंबर में 904 महिलाएं और 9 पुरुष नसबंदी करा चुके हैं।

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि नसबंदी में हुई ये बढ़ोत्तरी नसंबदी को लेकर चलाए गए जागरुकता अभियानों का नतीजा है। वहीं पूरन सिंह कहते हैं कि वह किसी जागरुकता के कारण नहीं, बल्कि पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए नसबंदी कराने पहुंचे।

आरबीआई अधिकारियों ने बताया, 2000 के मुकाबले क्यों कम हैं 500 के नोटआरबीआई अधिकारियों ने बताया, 2000 के मुकाबले क्यों कम हैं 500 के नोट

वह बोले- मुझे घर चलाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी। गांव में भी नोटबंदी के चलते किसी के पास कैश नहीं था कि उधार लेकर काम चलाया जा सके। आशा कर्मचारी से पता चला कि नसबंदी के बदले पैसे मिलते हैं, तो मैंने ये फैसला किया।

पूरन दिहाड़ी करते हैं। उनकी पत्नी विकलांग है और घर में 3 बच्चे भी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 3 हफ्ते से उन्हें कहीं काम नहीं मिल रहा है, इसलिए उन्होंने सोचा नसबंदी से जो पैसे मिलेंगे उससे कुछ दिन गुजारा कर लेंगे। पूरन को अभी तक पैसे नहीं मिलने की बात पर डॉक्टर शर्मा ने कहा कि पैसे सीधे उनके बैंक खाते में डाल दिए जाएंगे, इससे थोड़ा समय लगेगा।

Comments
English summary
Uttar Pradesh sees a spike in sterilisation in the time of demonetisation
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X