राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मायावती को झटका, बागी हुए BSP के पांच विधायक
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी के पांच विधायकों ने बागी तेवर अपना लिए हैं। बुधवार को बसपा के पांच विधायकों ने पार्टी के राज्यसभा प्रत्याशी के प्रस्तावक से नाम वापस ले लिया है। इन विधायकों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद नाम वापस लिया है। यूपी में राज्यसभा के लिये बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के लिए 10 विधायकों ने प्रस्ताव किया था। दस में से पांच ने आज नाटकीय ढंग से विधानसभा पहुंच कर अपना प्रस्ताव वापस ले लिया। 3 नवंबर को यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। ऐसे में बसपा को ये बड़ा झटका है।
जिन पांच विधायकों ने बसपा से बगावत करते हुए बसपा प्रत्याशी के प्रस्तावकों से नाम वापस लिया है। उनमें असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव के नाम हैं। बुधवार सुबह इन पांचों विधायकों ने अखिलेश यादव से काफी देर तक बैठक की। मुलाकात करके बाहर आए विधायक सीधा विधानसभा पहुंचे और यहां प्रस्तावक से अपना प्रस्ताव वापस ले लिया। इनका कहना है कि फर्जी तरीके से दस्तखत कर उनको प्रस्तावक बना दिया गया।
बसपा प्रत्याशी की मुश्किल हुई राह
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव है। बीजेपी के 9 सीटों में से आठ पर प्रत्याशी खड़ा करने के बाद चर्चा हो रही थी कि भाजपा के सहयोग से बीएसपी का प्रत्याशी 9वीं सीट जीत सकता है। वहीं एक सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत पक्की है।बसपा प्रत्याशी के दस प्रस्तावकों में से पांच ने अपना नाम वापस लेने के बाद उनके लिए राह आसान नहीं रही है। इधर सपा ने प्रकाश बजाज को निर्दलीय प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में अब राज्य में राज्यसभा सदस्य निर्विरोध नहीं चुने जाएंगे और चुनाव होगा।
राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा में भाजपा के 304 विधायक हैं। 296 विधायकों के दम पर बीजेपी आठ सीटें जीत जाएही। आठ सीटें जिताने के बाद बीजेपी के पास अपने आठ विधायक बच रहे हैं। जबकि, नौ विधायक बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि इनका समर्थन बसपा प्रत्याशी को रहेगा। हालांकि अब चुनाव दिलचस्प हो गया है।