कमिश्नरी सिस्टम को लेकर मायावती का सीएम योगी पर हमला, बोलीं- सिर्फ व्यवस्था बदलने से कुछ नहीं होगा
नई दिल्ली। लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने पर सोमवार को कैबिनेट ने लगा दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे गई। बता दें कि 15 राज्यों के 71 शहरों में कमिश्नर प्रणाली पहले से लागू है। यूपी में योगी के सत्ता संभालने के बाद इस सिस्टम के लिए कवायद शुरू तो हुई थी, लेकिन ब्यूरोक्रेसी के दबाव में बात अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। अब लखनऊ और नोएडा से इसकी शुरुआत हुई है।
कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा है कि यूपी में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख्त कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है। वहीं पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति पर पूर्व डीजीपी एके जैन ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ये उचित फैसला है। पहले IAS लॉबी के दबाव में इसे लागू नही किया जा सका। लेकिन अब इसके लागू होने से पुलिस सुधार के साथ कानून व्यवस्था में भी सुधार देखने को मिलेगा।
आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने दोनों शहरों के लिए नये कमिश्नरों की घोषणा कर दी है। आलोक सिंह नोएडा के नये पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं जबकि सुजीत पांडेय लखनऊ के पुलिस कमिश्नर नियुक्त किए गए हैं। कैबिनेट बैठक में फैसला होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एडीजी स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। साथ ही एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी। आलोक सिंह 1995 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अफसर हैं और वर्तमान में मेरठ जोन के एडीजी हैं। आलोक सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं। सुजीत पांडेय 1994 बैच के आईपीएस हैं।