उत्तर प्रदेश: पुलिस कस्टडी में पिटाई से किसान की मौत, ग्रामीणों ने शव के साथ दो दिन दिया धरना, पूरे थाने पर मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश: सीतापुर में किसान की कस्टडी में पीट-पीटकर हत्या, ग्रामीणों ने शव के साथ दो दिन दिया धरना, पूरे थाने पर मुकदमा दर्ज
सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक एससी किसान की कथित तौर पर कस्टडी में पुलिस की पिटाई के चलते मौत हो गई। किसान की मौत पर पूरे गांव ने दो दिन तक शव के साथ धरना दिया, जिसके बाद पूरे थाने के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। किसान की हत्या का आरोप में रामपुरकला थाने के थानेदार, सिपाहियों और इलाके के बीडीसी के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है। किसान की हत्या के बाद गांव में तनाव का माहौल है। गांव में फोर्स तैनात की गई है।
50 घंटे गांव के बाहर ट्राली में पड़ा रहा शव
सीतापुर के सोनारन पुरवा गांव के गोविंद नाम के किसान की 11 सितंबर 2018 को अपनी पत्नी माया कहासुनी हो गई। इस पर पत्नी ने अपने भाईयों को बुला लिया। उन्होंने पुलिस को बुलाया और उनकी बहन के साथ मारपीट की बात कही। इस पर पुलिस उसे रामपुरकला थाना ले गई, वहां उसकी पत्नी को भी बुलाया गया। दोनों के बीच समझौता हुआ। थाने से निकल पत्नी मायके चली गई। गोविंद का भाई जब थाने पहुंचा तो उन्होंने उसे छोड़ा नहीं और कस्टडी में उसके साथ मारपीट की।
गाविंद के भाई के मुताबिक, पुलिस ने गोविंद को मरनासन्न हालत में थाने से जाने को कह दिया। वह थाने के बाहर पडा रहा, जहां से बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के बाद रात करीब 2 बजे उसकी मौत हो गई। गुरुवार (13 सितंबर) सुबह जब गोविन्द का शव गांव पहुंचा तो गांववालों ने शव लेने से इनकार करते हुए पुलिस पर उसकी हत्या का आरोप लगाया। 50 घंटे तक शव गांव के बाहर लावारिस एक ट्राली में पड़ा रहा और गांव के लोग धरना देते रहे।
भाजपा सांसद ने गृहमंत्री को किया ट्वीट
शुक्रवार को मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने ट्वीट कर गृहमंत्री, सीएम और डीजीपी से मामले में कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद मृतक की पत्नी की तहरीर पर रामपुरकला के थानेदार रणजीत सिंह भदौरिया सहित पूरे थाने के खिलाफ 302 (हत्या), 506 (जान से मारने की धमकी देना), एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है। शनिवार को कौशल किशोर खुद किसान की शोकसभा में शामिल होने गांव पहुंचे।
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पुलिस कह रही अस्पताल की गलती
सीतापुर अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र चौहान का कहना है कि पुलिस पर लगाये गए सभी आरोप निराधार है। गोविंद की मौत अस्पताल में हुई है। पुलिस मामले में अस्पताल की लापरवाही की बात कह रही है। पुलिस की कार्यशैली को लेकर क्षेत्र में रोष है।
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