सीएम योगी बोले- आज के दौर में 'गांव की बेटी सबकी बेटी' का भाव फिर से जगाने की जरूरत
आज हमें 'गांव की बेटी सबकी बेटी' का भाव जगाने की जरूरत: योगी बोले
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'गांव की बेटी सबकी बेटी' का नारा दिया है। उन्होंने कहा है कि बदलते दौर में एक बार फिर 'गांव की बेटी सबकी बेटी' के भाव को जगाने की जरूरत है। यह हमारी संस्कृति और संस्कार हैं। गांव से लेकर महानगरों तक इसकी गूंज होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है महिला सुरक्षा व सम्मान को सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्वावलंबन के लिए केंद्र व राज्य सरकार सतत प्रयास कर रही है, पर मुकम्मल सफलता महिलाओं के सहयोग और जागरूकता से ही मिल सकेगी।
योगी आदित्यनाथ रविवार को 'मिशन शक्ति' के दूसरे दिन अपने सरकारी आवास पर महिला जनप्रतिनिधियों (प्रधानों, बीडीसी सदस्यों, ब्लॉक प्रमुखों तथा पार्षदों, नगरीय निकायों की अध्यक्षों) स्वयं सेवी संगठनों, महिला शिक्षकों से वर्चुअल माध्यम से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने महिला जनप्रतिनिधियों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में महिला जनप्रतिनिधियों की जागरूकता ने कई क्षेत्रों का कायाकल्प किया है। महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सरकारों का प्रयास तभी सफल होगा, जब स्वयं महिलाएं जागरूक होंगी आप जैसे जागरूक लोगों के जरिये ही शासन की योजनाएं पात्र व्यक्तियों तक पहुंचती हैं। अगर जनप्रतिनिधि जागरूक ना हो तो यह योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर दम तोड़ देती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया है। एक पढ़ी लिखी बेटी, सुरक्षित भी होती है, सम्मानित भी होती है और स्वावलंबी भी होती है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने कोख में बेटियों की हत्या रोकने और बाल विवाह की कुरीति समाप्त करने के लिए मुखबिर योजना शुरू की थी। स्वच्छ भारत अभियान, स्वस्थ बनने का अभियान तो है ही, साथ ही साथ नारी गरिमा और सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी प्रयास है। इंसेफेलाइटिस जैसी महामारी की समाप्ति का कारण यही स्वच्छ भारत अभियान है। स्कूल चलो अभियान और स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के तहत जो प्रयास हुए, उनसे 50 लाख से अधिक बच्चे विद्यालय में बढ़े।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शारदीय से बासंतिक नवरात्रि तक चलने वाले 'मिशन शक्ति अभियान का असर धरातल पर दिखे, इसके लिए त्रिस्तरीय समीक्षा के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार शासन स्तर पर मुख्य सचिव हर महीने, जिलाधिकारी साप्ताहिक और संबंधित विभाग दैनिक समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजनी होगी।
महिलाओं से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री जी ने 1090, 181, 1076 और 112 जैसे जनोपयोगी हेल्पलाइन नम्बरों के प्रचार-प्रसार की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि 1090, 181 और 112 सहित अन्य हेल्पलाइन नम्बर पर भोजपुरी और बुंदेलखंडी में भी बात करने की सुविधा हो। क्षेत्रीय बोली में अपनी बात कह पाने की सुविधा होने पर महिलाओं को सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग गांव में सीसीटीवी कैमरे और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगवाएं। कैमरों से सुरक्षा मिलेगी तो पब्लिक एड्रेस सिस्टम से सुबह-शाम राष्ट्रभक्ति और अन्य जागरूकता संबंधी जानकारियों का प्रसार हो सकेगा।
वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से संवाद करने वाली महिला जनप्रतिनिधियों में से कुछ अपने बेहतर कार्यों के लिए सम्मानित हो चुकी हैं, तो कई ने क्षेत्र में कुछ अभिनव प्रयास किए हैं। नकटी देई कप्तान गंज बस्ती की प्रधान वर्षा सिंह अपने अच्छे कार्य के लिए रानी लक्ष्मीबाई सम्मान और सीएम प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित हैं तो चंदवारा, बाराबंकी की ग्राम प्रधान प्रकाशिनि जायसवाल ने अपने क्षेत्र में किशोरी साइकिल बैंक का अभिनव प्रयास किया है। ग्राम कोठी जनपद बाराबंकी की प्रधान महजबीं ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके द्वारा गांव की बैठक में बेटियों-महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव जगाने के लिए काउंसिलिंग कराई जाती है तो बिजनौर की तैमूरपुर, दीया मोहम्मदपुर देवमल गांव की प्रधान संजू रानी जैविक खेती कर लोगों को प्रेरित कर रहीं हैं।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना, कहा- बेटी बचाओ या अपराधी बचाओ