यूपी के टॉपर स्टूडेंट को मिला चेक हुआ बाउंस, सीएम योगी के हाथों बांटे गए थे
आगरा। यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस साल टॉप करने वाले एक छात्र का उत्साह उस समय फीका पड़ गया जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों से मिला चेक बाउंस हो गया। दरअसल, फर्रूखाबाद के प्रद्युम्न वर्मा यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा में सेकेंड टॉपर रैंक हासिल की। एक सितंबर को लखनऊ में प्रदेश के सभी टॉपर छात्रों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें टॉपर छात्रों को 21-21 हजार रुपये के चेक के साथ प्रशस्ति-पत्र, मेडल और टेबलेट भी दिया गया। प्रद्युम्न को भी सीएम योगी आदित्यनाथ 21 हजार का चेक सौंपा था, जो कि अब बाउंस हो गया है।
टॉपर प्रद्युम्न को मिला चेक हुआ बाउंस
टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 10वीं की परीक्षा में सेकंड टॉपर प्रद्युम्न के पिता तोताराम वर्मा ने 9 सिंतबर को फर्रूखाबाद के एक बैंक में सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथ से मिला हुआ चेक भुगतान के लिए जमा किया। इसी के बाद उन्हें सूचित किया गया कि उनका चेक बाउंस हो गया है। इसकी वजह बताई गई कि चेक में स्कूल के जिला निरीक्षक के हस्ताक्षर नहीं हैं। फिलहाल चेक बाउंस की जानकारी मिलने के बाद छात्र ने निराशा जाहिर की।
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1 सितंबर को यूपी बोर्ड के टॉपर्स को सीएम योगी ने सौंपे थे चेक
पूरे मामले पर छात्र प्रद्युम्न वर्मा ने बताया, "मैं मुख्यमंत्री से चेक पाकर बेहद खुश था, लेकिन जब मैं अपने पिता के साथ इसे कैश कराने के लिए बैंक पहुंचा तो बैंक की ओर से बताया कि चेक बाउंस हो गया है। इससे मुझे बड़ी निराशा हुई। वहीं इस मामले के सामने आने के बाद, जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) आदर्श कुमार त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम जांच करेंगे कि चेक से हस्ताक्षर कैसे गायब थे।
चेक बाउंस मामले में अधिकारियों ने क्या कहा
जिला विद्यालय निरीक्षक आदर्श कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बैंक की ओर से चेक बाउंस को लेकर हस्ताक्षर की समस्या बताई गई है। जल्द ही इस मामले में बैंक से संपर्क करके इसे सुलझा लिया जाएगा। अगर बैंक में हस्ताक्षर की समस्या है तो उसको जल्द ही बैंक में अपलोड करा के छात्र को मिले चेक भुगतान कराया जाएगा। इस बीच टीओआई से बात करते हुए यूपी बोर्ड 10वीं में 91.17 फीसदी नंबर लाने वाले प्रद्मुम्न वर्मा ने कहा कि मामला सामने आने के बाद, जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाई। उन्होंने मुझे चेक क्लियर करने में मदद की है और अब मामला सुलझ गया है।
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