यूपी में इसलिए बढ़ गई है एक और मिनी-चुनाव की संभावना
नई दिल्ली- अगर ज्यादातर एग्जिट पोल (Exit Polls) सही साबित हुए तो उत्तर प्रदेश (UP) में आने वाले कुछ महीनों के भीतर ही विधानसभा के लिए एक और मिनी-पोल की संभावना पैदा हो सकती है। इसकी वजह ये है कि राज्य के कुल 13 विधायक इस बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी जीत होती है, तो उनके विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने पड़ेंगे।
बीजेपी की कितनी सीटें खाली हो सकती हैं?
जो 13 विधायक (MLA) यूपी (UP) में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें से सबसे ज्यादा संख्या सत्ताधारी भाजपा (BJP) विधायकों एवं मंत्रियों की है। प्रदेश के 4 मंत्री और 5 एमएलए (MLA) लोकसभा में घुसने के इंतजार में हैं। भाजपा (BJP) के जो मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi), सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri), एसपी सिंह बघेल (S P Singh Baghel) और मुकुट बिहार वाजपेयी (Mukut Bihari Bajpai)शामिल हैं। इनके अलावा पार्टी विधायक आरके सिंह पटेल (R K Singh Patel), राजवीर सिंह वाल्मीकि दिलेर (Rajvir Singh Valmiki Diler), उपेंद्र रावत (Upendra Rawat), प्रदीप चौधरी (Pradeep Chaudhary) और अक्षयवर लाल गौड़ (Akshyawar Lal Gaud) शामिल हैं।
सपा के कौन-कौन विधायक हैं रेस में?
समाजवादी पार्टी (SP) ने अपने वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को भी रामपुर से मैदान में उतारा है। इनके अलावा पार्टी के बागी विधायक शिवपाल यादव (Shivpan Yadav) भी फिरोजाबाद सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अगर ये दोनों चुनाव जीत जाते हैं, तो उन दोनों की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करवाना जरूरी हो जाएगा।
और किन सीटों पर उपचुनाव की संभावना?
मायावती की पार्टी बसपा ने अपने विधायक रितेश पांडे (Ritesh Pandey) को अंबेडकर नगर से मैदान में उतारा है, तो अपना दल के विधायक संगम लाल गुप्ता (Sangam Lal Gupta) प्रतापगढ़ में बीजेपी के टिकट पर मैदान में डटे हैं। यही वजह है कि विपक्ष के नेता और सपा विधायक राम गोविंद चौधरी (Ram Govind Chaudhary) ने कहा है कि, "उत्तर प्रदेश में ऐसा चुनावी मौसम पहले कभी देखने को नहीं मिला और हमें लगता है कि आने वाले महीनों में एक और उपचुनाव की ओर बढ़ रहे हैं।"
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