योगी सरकार के बजट को अखिलेश ने बताया दिशाहीन, मायावती ने कहा- जनता के साथ छलावा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपना बजट पेश किया है। योगी सरकार के बजट को प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, अखिलेश यादव और मायावती ने दिशाहीन और बिना किसी विजन वाला बताया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के बजट पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ये सरकार अब तक चार बजट पेश कर चुकी है लेकिन हर बार किसानों, नौजवानों और महिलाओं को निराशा मिली है। इस बार के बजट में भी सरकार का ना तो कोई विजन दिख रहा है और ना ही रोडमैप। अखिलेश ने कहा कि सरकार को इस बजट में उपलब्धियां बतानी चाहिए थीं। पुलिस का इन्फ्रास्ट्रक्चर कितना बढ़ा है, कितने थाने बने हैं, कितनी पुलिस बिल्डिंग बनी हैं, इन सवालों के जवाब सरकार को देने चाहिए थे। कुछ भी नहीं बताया गया।
यादव ने कहा, यह सरकार का आखिरी बजट है क्योंकि अगला बजट तो चुनावी बजट होगा। इस बजट से साबित हो गया है कि सरकार के पास न तो कोई विजन नहीं है, सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। पहले उत्तर प्रदेश के बजट में विकास की बात होती थी, मेट्रो, सड़क, लैपटॉप की बात होती था लेकिन अब प्रदेश में सिर्फ गोली की बात हो रही है। अखिलेश यादव ने कहा, सरकार का प्रिय कां गंगा की सफाई है लेकिन हकीकत में कितनी सफाई हुई है, यह जमीन पर दिख रहा है। ना गंगा साफ हुई है ना यमुना, जब सरकार की नीयत साफ होगी तभी नदियां साफ होंगी।
अखिलेश यादव ने सरकार के निवेश के दावों पर कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि अभी तक कितना निवेश जमीन पर उतरा क्योंकि जब भी निवेश आता है तो सरकार की तरफ से की गई इंसेंटिव का भी जिक्र होता है। सरकार ने कोई इंसेंटिव नहीं दिया। इसका सीधा मतलब यही है कि कोई निवेश नहीं हुआ।
बसपा प्रमुख मायावती ने बजट पर अपनी बात रखते हुए ट्वीट किया, 'यूपी सरकार का विधानसभा में पेश बजट जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के साथ छलावा है। इस बजट से प्रदेश का विकास और यहां की 22 करोड़ जनता का हित और कल्याण संभव नहीं है। यही बुरा हाल इनके (योगी सरकार) पिछले बजटों का भी रहा है, जो जनहित एवं जनकल्याण के मामले में बीजेपी की कमजोर इच्छाशक्ति का परिणाम है।
मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा, यूपी सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे और वादे किए गए हैं, वे पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले और कागजी ही ज्यादा लगते हैं। केन्द्र की तरह यूपी की बीजेपी सरकार ऐसे दावे एवं वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर तथा विश्वास से परे लगते हैं? बता दें कि उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 5,12,860.72 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है।
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