अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का जाना मतलब जम्मू कश्मीर के लिए खतरे की घंटी!
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कर दिया है कि, अफगानिस्तान से 14,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा। अब डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर जम्मू कश्मीर के डीजीपी रहे के राजेंद्र कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। राजेंद्र कुमार ने चेतावनी देने वाले अंदाज में कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का जम्मू कश्मीर के हालातों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि अमेरिका सेनाओं के अफगानिस्तान से चले जाने से आतंकी संगठन और आजाद महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत अब अफगानिस्तान पर एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करना चाहिए।
'घाटी में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान दोषी'
राजेंद्र कुमार ने यह बात महाराष्ट्र के पुणे स्थित ललितादित्य मेमोरियल लेक्चर के दौरान कही। अपने भाषण में उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब आतंकवाद पर भारत को पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देना चाहिए। कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए जो उसे महंगी पड़े क्योंकि पड़ोसी देश को अब गलती का अहसास कराना काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान में आतंकी कैंप्स और टेरर लॉन्च पैड्स मौजूद हैं भारत को कड़े रवैये के साथ निबटना चाहिए। राजेंद्र कुमार ने कहा अब अमेरिका, अफगानिस्तान से बाहर जा रहा है।
इसके कश्मीर पर गहरे प्रभाव होंगे। एक बार अमेरिकी सेनाओं के चले जाने से आतंकी संगठनों का घाटी की तरफ आना बढ़ जाएगा। ऐसे में इस बात पर बहस होनी चाहिए कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निबटने के लिए भारत को एक क्लीयर कट रोडमैप तैयार करना होगा। राजेंद्र कुमार ने घाटी में आतंकवाद के एि साफ तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंनक कहा कि पाकिस्तान, कश्मीर घाटी में आतंकवाद को आगे बढ़ने में समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाक न सिर्प आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है बल्कि जेहाद के नाम पर अपने नागरिकों को यहां पर आतंकवाद भड़काने के लिए भेज रहा है।