अमेरिका ने और कड़े किए H-1B वीजा एप्लीकेशन नियम, भारतीयों को लगेगा बड़ा झटका
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि वह एच-1बी वीजा के तहत रोजगार और विशेष व्यवसाय की परिभाषा फिर से तय करने की योजना बना रहे हैं। अब एच-1बी वीजा पर सरकार का नया नियम आ गया है। इसके तहत अब विदेशों कामगारों का अमेरिका में काम करने के लिए एच-1बी वीजा आवेदन करना कठिन हो गया है। अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा आवेदन के नियम और सख्त कर दिए हैं जिसके तहत अमेरिकी नियोक्ताओं को यह जानकारी देनी होगी कि उनके यहां कितने विदेशी काम कर रहे हैं।
अगर कोई कंपनी विदेशी के किसी पद के लिए नियुक्त करना चाहती है तो अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट प्रमाणित करेगा कि खास पद के लिए स्थानीय स्तर पर कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिल रहा है और इसलिए कंपनी H-1B कैटगरी के तहत विदेशी कर्मचारी को नियुक्त कर सकती है। वर्कर एप्लीकेशन फॉर्म में अब नियोक्ताओं को H-1B से जुड़ी रोजगार शर्तों के बारे में अधिक जानकारी देनी होगी।
श्रमिक आवेदन फॉर्म में नियोक्ताओं को बताना होगा कि H-1B वीजा कर्मचारियों के लिए कहां-कहां रोजगार है, उन्हें कितने समय के लिए रखा जाएगा और किन-किन जगहों पर H-1B वीजा कर्मचारियों के लिए ये कितने रोजगार हैं। यहीं कंपनी को यह भी बताना होगा कि, उसकी कंपनी में अलग-अलग जगहों पर पर कितने विदेशी काम कर रहे हैं।
वहीं एक दूसरी अमेरिका H-4 वीजा धारकों को मिला वर्क परमिट भी खत्म करने की तैयारी में है। H-4 वीजा, H-1B वीजा पर अमेरिका जाने वाले प्रोफेशनल्स के जीवनसाथी को दिए जाते हैं। ट्रंप प्रशासन को लग रहा है कि इससे बड़ी तादाद में उन अमेरीकियों को मदद मिल सकती है, जो नौकरी संकट से जूझ रहे हैं।
हर चार में से तीन भारतीय नागरिक को मिला है एच-1बी वीजा