ओरेकल पर लगा भेदभाद का आरोप, भारतीय कर्मचारियों को 25 फीसदी कम सैलरी
नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी ओरेकल पर अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया है कि वह भारतीय, एशियाई और अफ्रीकन अमेरिकन कर्मचारियों को को अन्य गोरे कर्मचारियों की तुलना में 25 फीसदी कम सैलरी दे रही है। आरोप है कि ओरेकल उन गोरे लोगों को जोकि एशिया के नहीं हैं उन्हें 25 अन्य लोगों की तुलना में 25 फीसदी अधिक सैलरी दी जा रही है। गौर करने वाली बात है कि ओरेकल ने भारतीय नागरिकों को एसिया में प्रोडक्ट डेवेलपमेंट के लिए चुनने में प्राथमिकता दिखाई है लेकिन इनके साथ सैलरी देने में भेदभाव किया जा रहा है।
शिकायत में कहा गया है कि ओरेकल गैर एशियाई कर्मचारियों की तुलना में अन्य कर्मचारियों को कम सैलरी दे रही है। जो कर्मचारी कम सैलरी में काम करने के लिए तैयार होते हैं उन्हें नौकरी दी जाती है। एक बार जब कर्मचारी की नियुक्ति हो जाती है तो उसमे से महिलाओं, एशियाई कर्मचारीयिों और काले कर्मचारियों को अपेक्षाकृत कम सैलरी दी जाती है। यूएस डिपार्टमेंट के ओएफसीसीपी विभाग ने अपनी शिकायत में इस बात को प्रमुखता से रखा है। शिकायत में कहा गया है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।
वहीं ओरेक इंडिया ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। शिकायत में कहा गया है कि जो कर्मचारी गोरे नही हैं उन्हें जनवरी 2013 से 2016 के बीच 400 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। इस भेदभाव का असर 11000 एशियाई कर्मचारियों पर पड़ा है आपको बता दें कि ओरेकल भारत के कैंपस से कर्मचारियों का चयन करता है और उन्हें अपनी कंपनी में नौकरी देता है।
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