गोरखपुर में इंसेफिलाइटिस से निपटने में अमेरिका के डॉक्टर करेंगे मदद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में जिस तरह से इंसेफिलाइटिस का प्रकोप पिछले काफी सालों से मासूम बच्चों की जान ले रहा है, उससे निपटने के लिए आखिरकार यूपी सरकार की मदद अमेरिका के डॉक्टर करेंगे।
अमेरिका के विशेषज्ञ डॉक्टर यूपी के गोरखपुर में फैले इंसेफिलाइटिस से निपटने के लिए यहां के डाक्टर्स की मदद करेंगे। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अमेरिका के डॉक्टर 12 सितंबर को शहर में आएंगे।
अमेरिकी डॉक्टर एक दिन के लिए शहर आएंगे
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अमेरिकी डॉक्टर एक दिन के लिए शहर आएंगे और पूरे दिन डॉक्टर्स के साथ ट्रेनिंग सेशल चलेगा। इस सेशल में गोरखपुर के अलावा तमाम शहरों के डॉक्टर मौजूद होंगे, जहां लोग इंसेफिलाइटिस से जूझ रहे हैं। प्रदेश में तकरीबन चार दशक से लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। लिहाजा इससे निपटने के लिए हमने इस खास सेशन का आयोजन किया गया है।
डॉक्टर्स को प्रशिक्षित करें
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अमेरिका के डॉक्टर्स की टीम के साथ मिलकर हम इंसेफिलाइटिस से लड़ने के लिए डॉक्टर्स को प्रशिक्षित करेंगे। यह प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बड़े स्तर पर सुधाने की मुहिम का हिस्सा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अमेरिका के डॉक्टर्स की टीम प्रदेश के अन्य शहरों के डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण देगी, ताकि वह आने वाले समय में इंसेफिलाइटिस से लड़ने में पूरी तरह से सक्षम हों। स्वास्थ्य मंत्री कहा कि चाहे एक की मृत्यु हो या फिर 10 की, यूपी सरकार ने इस बात का फैसला लिया है कि हम इंसेफिलाइटिस से पूरी तरह से लड़ेंगे और इसे खत्म करके दम लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस बात पर भी ध्यान दे रही है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए।
इंसेफिलाइटिस के मरीज ही अस्पताल में भर्ती हो
हमें बेहतर परिणाम मिले हैं, लेकिन यह हमारा लक्ष्य यह नहीं है, हम कहते हैं कि सिर्फ 35 फीसदी ही इंसेफिलाइटिस के मरीज ही अस्पताल में भर्ती हो, बाकी के मरीजों को पीएचसी और सीएचसी में ही बेहतर इलाज मिले। पूर्व की अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि इंसेफिलाइटिस से मरने वालों की बढ़ती संख्या के लिए अखिलेश यादव जिम्मेदार हैं, उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसी इस बीमारी से निपटने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाएं।