अमेरिका ने भारत भेजा अल-कायदा का आतंकी, अधिकारी सिर खुजाने को हुए मजबूर
नई दिल्ली। अमेरिका में अल-कायदा के उस आतंकी को भारत को सौंप दिया है जो इसके सरगना अनवर अल-अवलाकी का करीबी है। इस आतंकी का नाम मोहम्मद इब्राहिम जुबैर है और यह हैदराबाद का रहने वाला है। साल 2018 में जुबैर पर एक आतंकी संगठन को वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए पांच साल की सजा अमेरिकी कोर्ट की तरफ से सुनाई गई थी। हाल ही में कोर्ट ने इस आतंकी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था।
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19 मई को स्पेशल फ्लाइट से आया अमृतसर
41 साल का जुबैर अमेरिका के ओहायो के तोलेडो में रहता है। 19 मई को अमृतसर में लैंड करने वाली स्पेशल फ्लाइट से वह प्रत्यर्पित होकर भारत आया है। जिस समय वह भारत आया, एजेंट्स उसे घेरे हुए थे। जुबैर का जन्म शारजहां में हुआ था मगर वह भारत का नागरिक है। पंजाब पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से बताया गया है कि जुबैर के माता-पिता हैदराबाद के रहने वाले हैं। वह उन 167 प्रत्यर्पित लोगों में शामिल था जो अमेरिका से अमृतसर पहुंचे थे। राजधानी दिल्ली में सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि जुबैर से इंटेलीजेंस एजेंसियों ने उससे अल-कायदा लिंक्स के बारे में पूछताछ की है। साथ ही भारत में उसके नेटवर्क के बारे में भी पूछा गया है। अब उसे अमृतसर में ही 14 दिनों के क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया है। एजेंसियां फिलहाल अगले कदम पर विचार कर रही हैं।
भारत में जुबैर पर एक भी केस नहीं
दिलचस्प बात यह है कि भारत में एक भी केस नहीं हैं। ऑफिसर्स इस बात की संभावनाएं तलाश रहे हैं कि उस पर कोई केस दर्ज हो सकता है या नहीं। एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक वह पहले ही अमेरिका में अपने अपराध की सजा पूरा कर चुका है। हमारा अहम मकसद अब बस उससे भारत में अल-कायदा नेटवर्क के बारे में जानकारी हासिल करना है। जुलाई 2015 में जुबैर को अमेरिकी अथॉरिटीज ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि उसने साल 2009 में यमन में अवलाकी को 22,000 अमेरिकी डॉलर मदद के लिए भेजे थे। अवलाकी का भाई फारूक अहमद इस रकम को यूएई लेकर गया जो कि उस समय अवलाकी का बेस था। साल 2018 में जुबैर पर आरोप साबित हुए थे। पंजाब पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक जुबैर के पिता की मौत हो चुकी है और उसके दो भाईयों ने हाल ही में हैदराबाद प्रॉपर्टी खरीदी है। उसकी मां कुछ साल पहले भारत आई हैं। पंजाब पुलिस का कहना है कि उसका पंजाब में भी कोई संपर्क नहीं है।