US Capitol Hill siege:क्या 20 जनवरी से पहले भी हटाए जा सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप, क्या कहता है अमेरिकी संविधान
US Capitol Hill siege:अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि चुनाव हार चुके एक अमेरिकी राष्ट्रपति के इशारे पर उनके समर्थकों ने कैपिटल हिल (US Capitol Hill)बिल्डिंग पर जबरन कब्जे की कोशिश की हो और अमेरिकी संसद परिसर (American parliament)में घुसकर हिंसा भड़काई हो। यह हमला ऐसे वक्त में किया गया, जब अमेरिकी संसद यानि कांग्रेस (Congress) का सत्र चल रहा था और सांसद उसमें हिस्सा ले रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) पिछले नवंबर में हुए चुनाव हार चुके हैं, लेकिन वे अभी तक हार मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं। पहले तो उन्होंने अमेरिकी जनता के फैसले को पलटने के लिए अदालतों का सहारा लेने की कोशिश की, लेकिन जब उन्हें लग रहा है कि अब उन्हें व्हाइट हाउस (White House) खाली करने से कोई नहीं रोक सकता तो उनके समर्थकों ने कानून को ही हाथ में ले लिया है। ऐसे में सवाल है कि क्या ट्रंप को उनका कार्यकाल पूरा हुए बिना भी सत्ता से बेदखल किया जा सकता है, जो कि 20 जनवरी को पूरा हो रहा है?
क्या ट्रंप को कार्यकाल पूरा होने से पहले कुर्सी छोड़नी पड़ेगी?
अमेरिकी संविधान (American Constitution) के मुताबिक चुनावी साल के अगले वर्ष 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेता है और कार्यभार संभालता है। तब तक पिछला राष्ट्रपति पूर्ण अधिकारों के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाता रहता है, क्योंकि उसका कार्यकाल उसी 20 जनवरी को ही पूरा होता है। ये तारीखें आगे-पीछे नहीं होतीं। यह वहां की संवैधानिक व्यवस्था है। ऐसे में सवाल है कि अमेरिकी इतिहास में पैदा हुई इस विशेष परिस्थिति पर वहां का संविधान क्या कहता है? क्या 20 जनवरी यानि कार्यकाल पूरा होने से पहले भी डोनाल्ड ट्रंप को उनकी कुर्सी से बेदखल किया जा सकता है? जवाब है कि हां, अमेरिकी संविधान(US Constitution) में ऐसी तीन संभावनाएं मौजूद हैं।
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पहली संभावना- 25वां संविधान संशोधन
अमेरिका में 1967 में हुए 25वें संविधान संशोधन (25th Amendment) के तहत ऐसी दो परिस्थितियां हो सकती हैं, जिसमें कार्यकाल पूरा करने से पहले ही राष्ट्रपति से उनके राष्ट्रपति वाले अधिकार खत्म किए जा सकते हैं। पहला तो वह खुद अपना अधिकार सौंप दें या फिर राष्ट्रपति किसी वजह से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की स्थिति में ना रह जाए। यह संशोधन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी (John F Kennedy)की हत्या की वजह किया गया था। दो बार इसे तब अपनाया गया, जब पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) और जॉर्ज डब्ल्यू बुश ( George W Bush) बीमार पड़ गए। इन सारी परिस्थितियों में वहां उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति वाला अधिकार मिल जाता है। लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की स्थिति अलग है और वह सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
दूसरी संभावना-पद से हटा दिया जाए
दूसरी संभावना राष्ट्रपति को जबरन उसके पद से बेदखल करने की हो सकती है, जब वह अपनी जिम्मेदारियां निभाने में नाकाम रहता है और फिर भी सत्ता छोड़ने से इनकार कर देता है। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)के केस में यही स्थिति पैदा हो गई है। 25वें संविधान संशोधन का सेक्शन 4 ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति माइक पेंस (Mike Pence) को कैबिनेट के सदस्यों की सहमति से डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति की जिम्मेदारियों से मुक्त करने की घोषणा का अधिकार देता है। यानि तब तक माइक पेंस राष्ट्रपति का कार्यभार संभाल सकते हैं और 20 जनवरी को जो बाइडेन (Joe Biden ) को सत्ता हस्तांतरित कर सकते हैं। यह व्यवस्था ऐसी स्थिति के लिए है जब स्वास्थ्य और मानसिक कारणों से कोई राष्ट्रपति अपना दायित्व निभाने में नाकाम रहता है। लेकिन, इसमे डोनाल्ड ट्रंप को उपराष्ट्रपति की घोषणा को चुनौती देने का भी अधिकार है। इसलिए अगर पेंस उस अधिकार का इस्तेमाल करते हैं तो ट्रंप के पास यह अधिकार होगा कि वह अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) को लिख सकते हैं कि वह अपना कार्य करने में पूरी तरह सक्षम हैं। तब पेंस और कैबिनेट के दूसरे सदस्य भी कांग्रेस को बता सकते हैं कि राष्ट्रपति अपनी ड्यूटी निभाने के लिए फिट नहीं हैं।
ऐसी स्थिति में 48 घंटे के भीतर कांग्रेस (US Congress)की बैठक बुलाने का प्रावधान है। कांग्रेस को 21 दिनों के अंदर दो-तिहाई बहुमत से इसपर मुहर लगाना होगा कि राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारी निभाने लायक नहीं हैं। लेकिन, यह मियाद ट्रंप के सामान्य कार्यकाल से भी अधिक हो जाती है। मौजूदा परिस्थितियों में इस प्रावधान के इस्तेमाल की संभावना बिल्कुल भी नजर नहीं आती और उसका कुछ फायदा भी नहीं होने वाला।
महाभियोग लगाकर पद से हटाया जा सकता है
आखिरी संभावना महाभियोग (impeachment) लगाकर ट्रंप को सत्ता से हटाने की बचती है। यह तब हो सकता है, जब राष्ट्रपति पर किसी गंभीर अपराध में शामिल होने का आरोप हो या फिर अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स(House of Representatives) से दूराचार का आरोप साबित हुआ हो चुका। अगर निचला सदन महाभियोग घोषित कर देता है तो फिर यह मामला ऊपरी सदन यानि सीनेट ( Senate) में जाता है जो राष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए वोटिंग करता है। दिसंबर 2019 में भी डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग लगाया गया था। लेकिन, 2020 के फरवरी में सीनेट ने उन्हें महाभियोग से बरी कर दिया। ट्रंप पर यह आरोप साबित हुआ था कि उन्होंने जो बाइडेन (Joe Biden )और उनके बेटे के खिलाफ जांच करने के लिए यूक्रेन (Ukraine)पर दबाव डाला था और यह बात सार्वजनिक हो गई थी। डोनाल्ड ट्रंप के केस में यह संभावना अभी भी बरकरार है। क्योंकि, उन्होंने अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने समर्थकों को उकसाया है। अमेरिकी संवाधान (US Constitution) के तहत उनपर देशद्रोह और संविधान के अपमान (sedition and disloyalty) का आरोप लग सकता है। लेकिन, यह प्रक्रिया भी इतनी जल्दी पूरे होने की संभावना बहुत कम है। क्योंकि, उनका कार्यकाल अब सिर्फ 13 दिनों का ही बचा हुआ है।
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